चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह का आख़िरी फ़ैसला: अलीगढ़ मुस्लिम विवि का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा बरकरार

  • [By: Meerut Desk || 2024-11-08 14:31 IST
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह का आख़िरी फ़ैसला: अलीगढ़ मुस्लिम विवि का अल्पसंख्यक दर्जा रहेगा बरकरार

नई दिल्ली। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने आज शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बकरार रखने के पक्ष में फैसला सुनाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से यह फैसला सुनाया है। इस बेंच के तीन जज फैसले के खिलाफ थे। भारत के मुख्य मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में से खुद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जेडी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने संविधान के अनुच्छेद 30 के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे को बरकरार रखने के पक्ष में फैसला दिया है। ग़ौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सिंह का चीफ जस्टिस के रूप में यह आखिरी फैसला है। गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सिंह 10 नवंबर 2024 को सेवानिवर्त हो रहे है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सिंह का कहना है कि एसजी ने कहा है कि संघ इस प्रारंभिक आपत्ति पर जोर नहीं दे रहा है कि सात न्यायाधीशों को संदर्भ नहीं दिया जा सकता। इस बात पर विवाद नहीं किया जा सकता कि अनुच्छेद 30 अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव न किए जाने की गारंटी देता है। सवाल यह है कि क्या इसमें गैर-भेदभाव के अधिकार के साथ-साथ कोई विशेष अधिकार भी है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सिंह ने कहा कि कोई भी धार्मिक समुदाय संस्थान की स्थापना कर सकता है। लेकिन चला नहीं सकता। संस्थान की स्थापना सरकारी नियमों के मुताबिक की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक दर्जे का हकदार है। उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 30 कमजोर हो जाएगा अगर यह केवल उन संस्थानों पर लागू होता है जो संविधान लागू होने के बाद स्थापित किए गए हैं।

 

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