न्यायपालिका की आजादी का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसला देना नहीं: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

  • [By: National Desk || 2024-11-05 16:27 IST
न्यायपालिका की आजादी का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसला देना नहीं: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़

नई दिल्ली। सभी जानते है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया था। इसके साथ ही इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को बंद करने का आदेश को लेकर बड़ा बयान दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने न्याय व्यवस्था को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं होता कि हमेशा सरकार के खिलाफ ही फैसले दिए जाएं। सीजेआई ने देश की जनता से न्यायधीशों के फैसलों पर विश्वास रखने की अपील करने के साथ ही जोर देकर कहा कि न्यायिक व्यवस्था का निष्पक्ष रहना बहुत जरूरी है। 

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह ने कहा, 'मैंने जब इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ फैसला दिया तो उसे निष्पक्ष माना गया था। यानी कि जब आप इलेक्टोरल बॉन्ड्स के मामले में फैसला देते हैं तो पूरी तरह आजाद होते हैं। अगर कोई फैसला सरकार के पक्ष में चला जाए तो फिर आप आजाद नहीं रहते। मुझे लगता है कि स्वतंत्रता की यह परिभाषा नहीं है।'

ग़ौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया था। साथ ही इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को बंद करने का भी आदेश दिया। इस योजना के तहत राजनीतिक पार्टियों को फंडिंग मिलने का प्रावधान किया गया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की पीठ ने इस योजना को ही खारिज कर दिया। 

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनके आवास पर आने के बारे में कहा, 'प्रधानमंत्री गणपति पूजा के लिए मेरे घर आए। इसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि सामाजिक स्तर पर न्यायपालिका और कार्यपालिका से जुड़े व्यक्तियों के बीच निरंतर बैठकें होती हैं। हम राष्ट्रपति भवन में, गणतंत्र दिवस आदि पर मिलतेहैं।'

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