दवा टेस्ट में फ़ेल वो फ़ार्मा कंपनियां, जिन्होंने दिया करोड़ों का चंदा 

  • [By: Meerut Desk || 2024-03-26 17:42 IST

भारत के सुप्रीम कोर्ट की कड़ी डांट और फटकार के बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने राजनितिक दलों को दिए गए चुनावी बांड्स यानि इलेक्टोरल बांड्स का ब्यौरा चुनाव आयोग को दे दिया। उसके बाद इस मामले में रोज नए नए चौकाने वाले खुलासे हो रहे है। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने चुनावी बांड्स मामले को भाजपा का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। रोज रोज नए नए खुलासों से भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की छवि पर भी असर पड़ा है। एक बार खुद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि चुनावो बांड्स के बारे में जानने का जनता को कोई अधिकार नहीं है। चुनावी बांड्स और प्रधानमंत्री फंड्स  सूचना  अधिकार क्षेत्र से भी बाहर रखा है ताकि इनसे जुडी कोई भी बात बाहर न आ पाए। लेकिन ऐसा हो न सका और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी की सारी पोल खुल गई। एक कंपनी ने भाजपा 140 करोड़ का चंदा दिया तो उसे ईनाम में 14400 करोड़ का टेंडर दे दिया गया। ऐसा ही एक खुलासा हुआ है। राजनीतिक दलों ने ऐसी कई फार्मा कंपनियों से करोड़ो का चंदा लिया है जिन कंपनियों की दवाएं टेस्ट में फेल हो चुकी है। 

दरअसल भारत में दवा, इलाज, जाँच, अस्पताल और मेडिकल सुविधाओं की बढ़ती क़ीमतें कोई छुपी हुई बात नहीं है। इस स्थिति में अगर ये पता चले कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, मलेरिया, कोविड या दिल की बीमारियों का इलाज करने वाली कई प्रचलित दवाओं के ड्रग टेस्ट फ़ेल होते रहे हैं तो आम लोगों के लिए ये एक चिंता का विषय है। लेकिन अगर साथ-साथ ये भी नज़र आए कि जिन कंपनियों की दवाओं के ड्रग टेस्ट फ़ेल हुए उन्होंने सैकड़ों करोड़ रुपयों के इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदकर राजनीतिक दलों को चंदे के तौर पर दिए तो मामला और भी अधिक सोचनीय और गंभीर हो जाता है। दरअसल ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े उस डेटा के विश्लेषण से। इलेक्टोरल बॉन्ड के डेटा को खंगालने पर ये सामने आया है कि 23 फ़ार्मा कंपनियों और एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिये क़रीब 762 करोड़ रुपए का चंदा राजनीतिक दलों को दिया। 

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