तमिलनाडु में नहीं लागू होगी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: एमके स्टालिन

  • [By: Meerut Desk || 2024-11-28 14:59 IST
तमिलनाडु में नहीं लागू होगी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: एमके स्टालिन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को तमिलनाडू सरकार ने लागू करने से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का कहना है कि तमिलनाडू राज्य में इस प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना को इसके मौजूदा स्वरूप में लागू नहीं किया जा सकता हैं क्योंकि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना अपने मौजूदा स्वरूप में जातिगत भेदभाव को बढ़ावा देती है। डीएमके सरकार ने कहा कि वे पीएम विश्वकर्मा योजना की जगह दूसरी योजना लाएंगे, जो ज्यादा समावेशी और बेहतर होगी।

दरअसल तमिलनाडु राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री जीतनराम मांझी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में कुछ बदलाव करने की मांग की है। स्टालिन के अनुसार यह योजना जातिगत आधार पेशे की परंपरा को मजबूत करके जातीय भेदभाव को बढ़ावा देती है। तमिलनाडु सरकार ने इसे लेकर एक समिति गठित की थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुछ बदलाव सुझाए हैं, जिनके मुताबिक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में आवेदक के परिवार का पारंपरिक तौर पर उस पेशे से जुड़ा होना जरूरी है। इसकी बजाय कोई भी व्यक्ति इस योजना के तहत आवेदन करने का योग्य होना चाहिए। साथ ही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के आवेदकों की न्यूनतम उम्र सीमा को बढ़ाकर 35 साल करने की मांग की गई है और साथ ही लाभार्थी का सत्यापन करने का अधिकार ग्राम पंचायत प्रमुख की जगह ग्राम प्रशासन अधिकारी को दिया जाना चाहिए। स्टालिन ने पत्र में ये भी बताया कि वह इस मुद्दे पर पहले भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके हैं और अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।

क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना: मोदी सरकार ने बीते साल अपनी महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत भारत सरकार देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उन्नत ट्रेनिंग देकर उन्हें सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करा रही है। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ का बजट तय किया है। फिलहाल इस योजना को पांच साल के लिए लागू किया गया है। इसके तहत सरकार कारीगरों जैसे बुनकर, लोहार, कुम्हार, मूर्तिकार, कपड़े धोने वाले श्रमिक, दर्जी, राजमिस्त्री आदि को ट्रेनिंग देगी। ट्रेनिंग के दौरान कारीगरों को हर दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा। साथ ही ट्रेनिंग के बाद उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए तीन लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी, डिजिटल लेन-देन की जानकारी, टूलकिट, उत्पादों के लिए क्वालिटी सर्टिफिकेशन, ब्रांडिंग और विज्ञापन आदि की भी जानकारी देगी। 

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