आरबीआई ने रेपो दर को बरकरार रखा: बढ़ती महंगाई के बीच होम लोन लेने वालों को कोई राहत नहीं

  • [By: National Desk || 2024-12-06 14:10 IST
आरबीआई ने रेपो दर को बरकरार रखा: बढ़ती महंगाई के बीच होम लोन लेने वालों को कोई राहत नहीं

नई दिल्ली। आज यानी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख रेपो दर को 6.5% पर बरक़रार रखा। यह यथास्थिति बनाए रखने का लगातार 11वाँ निर्णय है, जिससे होम लोन लेने वालों को तत्काल कोई राहत नहीं मिली। संभावित घर खरीदारों के लिए, होम लोन की ब्याज दरें अभी स्थिर रहने की संभावना है। ग़ौरतलब है कि यह निर्णय भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि के जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही में सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4% पर आने के तुरंत बाद आया है, जिसे अर्थशास्त्रियों ने चिंता के रूप में चिह्नित किया है। भारतीय रिजर्व बैंक का प्राथमिक ध्यान खुदरा मुद्रास्फीति को 4% तक लाने पर बना हुआ है।

दरअसल आज भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने तीन दिनों तक चली बैठक के बाद रेपो रेट को एक बार फिर 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा:

"यह फैसला एमपीसी के सदस्यों ने 4:2 के बहुमत से लिया है। आरबीआई की पॉलिसी का लोगों के जीवन पर असर पड़ता है। आरबीआई का पहला काम महंगाई को कंट्रोल करना है।"

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 4-2 बहुमत से ब्याज दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया, जबकि एसडीएफ दर 6.25% और एमएसएफ दर 6.75% पर बनी हुई है। केंद्रीय बैंक का रुख तटस्थ बना हुआ है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से इस तटस्थ नीति रुख को बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की, जो वर्तमान आर्थिक स्थितियों के प्रति सतर्क दृष्टिकोण का संकेत देता है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर उम्मीद से कम 5.4 प्रतिशत रही। दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में मंदी का संकेत देने वाले संकेतक समाप्त हो गए हैं। दास के अनुसार,आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत किया है। उन्होंने कहा कि दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में सुस्ती का संकेत देने वाले संकेतक अब समाप्त होने की स्थिति में हैं।

एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर ने बताया कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार दबाव रहने से तीसरी तिमाही में मुद्रास्फीति ऊंची रहने की संभावना है। रबी उत्पादन से राहत मिलेगी। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत कर दिया है।

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