तुम झूठ को सच लिख दो अख़बार तुम्हारा है

  • [By: || 2024-06-24 18:12 IST
तुम झूठ को सच लिख दो अख़बार तुम्हारा है

लश्कर भी तुम्हारा है, सरदार तुम्हारा है
तुम झूठ को सच लिख दो अख़बार तुम्हारा है। 

इस दौर के फ़रियादी जायें तो कहां जायें 
कानून तुम्हारा है, दरबार तुम्हारा है। 

सूरज की तपन तुमसे बर्दाश्त नहीं होती 
एक मोम के पुतले सा किरदार तुम्हारा है। 

वैसे तो हर एक शै में साया है तुम्हारा ही
दुश्वार बहुत लेकिन दीदार तुम्हारा है। 

कोई भी इसे अपना कहता हो भले लेकिन
इस "चाँद" पे तो केवल अधिकार तुम्हारा है। 

-अर्जुन सिंह चाँद

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