400 से अधिक फ़र्जी डिग्री पर चल रही प्राइवेट और सरकारी नौकरी 

  • [By: Meerut Desk || 2024-03-22 13:42 IST
400 से अधिक फ़र्जी डिग्री पर चल रही प्राइवेट और सरकारी नौकरी 

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में जांच के लिए आईं करीब दो हजार डिग्रियों में 394 फर्जी निकलीं। इनमें 100 से ज्यादा फर्जी डिग्री वाले सरकारी व प्राइवेट नौकरी करते हैं। चौधरी चरण सिंह विवि की फर्जी डिग्री मिलने का आंकड़ा और सिलसिला बढ़ता जा रहा है। दरअसल अभी कुछ दिन पहले चौधरी चरण सिंह विवि में विभिन्न संस्थानों से जांच के लिए करीब दो हजार डिग्रियां आईं। जब इन डिग्री की जाँच की गई तो पता चला कि इनमे से सरकारी व प्राइवेट नौकरी पाने वाले 124 लोगों की डिग्री फर्जी निकलीं। 270 से ज्यादा लोगों ने जनसूचना अधिकार व डाक भेजकर डिग्रियों का सत्यापन कराया, इनका भी रिकॉर्ड चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में नहीं मिला, यानी ये तमाम डिग्री भी फ़र्जी निकली। 

फ़र्जी डिग्री के बाबत जब चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ के कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा से पूछा तो उन्होंने बताया:

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में सत्यापन के लिए सरकारी व प्राइवेट संस्थान डिग्री भेजते हैं। यूनिवर्सिटी जांच करके संबंधित को रिपोर्ट भेज देता है। इन मामलों में कार्रवाई करने का अधिकारी नियुक्ति करने वाले विभाग व संस्थान का है।

चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के नाम की फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वालों का आंकड़ा सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक सरकारी विभाग नौकरी प्राप्त करने वालों का सत्यापन कराते थे, लेकिन अब प्राइवेट नौकरी देने वाले संस्थान भी सत्यापन करा रहे हैं। इस कारण इनका आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। गोपनीय विभाग के अनुसार जनवरी से अभी तक करीब दो हजार डिग्री जांच के लिए आ चुकी हैं, जिनमें से 394 से ज्यादा फर्जी निकली हैं। ओड़िसा के छतरपुर जिले के एसएसपी ने सरकारी नौकरी पाने वाली सुधा रानी व अरुणा की एमएसडब्ल्यू की डिग्री भेजी हैं, जो जांच में फर्जी निकली। बंगलूरु पुलिस ने डिपार्टमेंट ऑफ कॉलिजिएट एंड टेक्निकल एजुकेशन में सरकारी नौकरी पाने वाली नगाना गौड़ा, देवेंद्र व सचिन कुमार की डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस की डिग्री जांच के लिए भेजी। विवि ने डिग्री फर्जी होने की रिपोर्ट भेज दी है। इसकी वजह विवि में डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस का पाठ्यक्रम संचालित नहीं होता है। ज्योतिश्री ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी हासिल की है। जब चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी ने राजनीति विज्ञान में 2019 में मिली पीएचडी की डिग्री का रिकॉर्ड से मिलान किया तो ज्योतिश्री के नाम की कोई डिग्री नहीं मिली। यूनिवर्सिटी के गोपनीय विभाग ने जांच करके अपनी रिपोर्ट भेज दी है। बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकरण के लिए आई राघव की एलएलबी व बीसीए की डिग्री जांच के लिए भेजी, जो फर्जी निकली। बार काउंसिल ऑफ चंडीगढ़ ने वर्ष 2002 में जारी एलएलबी की डिग्री सत्यापन को भेजी है, वह भी फर्जी निकली है। करम पब्लिक स्कूल की तरफ से एक युवती की बीएड की डिग्री जांच के लिए भेजी है, इसका भी रिकॉर्ड चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में नहीं मिला है। वहीं, गलत तरीके से डिग्री बनवाने वाले सत्यता जानने के लिए जनसूचना अधिकार और डाक के माध्यम से पत्र भेजकर अपनी-अपनी डिग्रियों की जांच करवा रहे हैं।

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