100 करोड़ रुपये से कायाकल्प होगी चौधरी चरण सिंह विवि की

  • [By: Meerut Desk || 2024-02-22 14:22 IST
100 करोड़ रुपये से कायाकल्प होगी चौधरी चरण सिंह विवि की

मेरठ। प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत मिले 100 करोड़ रुपये से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय पूरी तरह से हाईटेक होगा। चार मंजिला इंटरनेशनल हॉस्टल व स्टूडियो अपार्टमेंट और 100 कमरों का गर्ल्स हॉस्टल बनेगा। यहां शोध के लिए 31 करोड़ रुपये के अत्याधुनिक उपकरण खरीदे जाएंगे। सेंटर इंस्ट्रूमेंटेशन फैसेलिटी सेंटर अपग्रेड होगा और 10 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं बनेंगी। बुधवार को पीएम जम्मू-कश्मीर से 12926.10 करोड़ रुपये की योजनाएं ऑनलाइन लांच किया।

क्या है है पीएम-उषा योजना: राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आरयूएसए) अक्तूबर-2013 में शुरू की गई केंद्र प्रायोजित योजना थी। इसका उद्देश्य देश के उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीतिक वित्तपोषण प्रदान करना था। इसके स्थान पर अब पीएम-उषा (प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान) योजना शुरू हुई है। इसका उद्देश्य विवि को वित्तपोषित कर शिक्षा व्यवस्था और गुणवत्ता में सुधार लाना है। दरअसल जब पीएम उषा योजना की प्रोजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य प्रो. संजीव कुमार शर्मा, प्रो. बीरपाल सिंह, प्रो. अनुज शर्मा, प्रो. मृदुल गुप्ता ने गुणवत्तापूर्ण शोध, पढ़ाई व व्यवस्थाओं के आधार पर रिपोर्ट बनाई तो 600 में से 540 प्वाइंट मिले। तभी से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को 100 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी। अब इस बजट से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में निर्माण कार्य, शोध के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, शोध के उपकरण, विवि का सर्वर स्थापित करने सहित अन्य कार्य कराए जाएंगे।

45 लाख लीटर पानी की क्षमता का सरोवर बनेगा: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पीएम उषा के तहत 45 लाख लीटर (4.5 एमएलडी) क्षमता का रमणीय सरोवर बनेगा। आसपास सुंदरीकरण किया जाएगा। इससे न सिर्फ रमणीय स्थल बनेगा बल्कि भूजल स्तर भी सुधरेगा। विवि में 45 रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हैं। इससे बरसात के मौसम में भूजल स्तर री-चार्ज होता है। शारीरिक शिक्षा विभाग के पीछे खाली जगह पर सरोवर बनेगा। इसकी लंबाई 50 मीटर, चौड़ाई 50 मीटर और गहराई 1.80 मीटर होगी। यह तालाब बनने के बाद सीसीएसयू पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहले विश्वविद्यालय होगा। यहां भूजल स्तर रीचार्ज करने के लिए तालाब होगा।

सौ कमरों का महिला छात्रावास बनेगा: इसके अतिरिक्त चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में इंटरनेशनल स्तर का हॉस्टल और स्टूडियो अपार्टमेंट बनेगा ताकि विदेशी विद्यार्थी पढ़ने के लिए आ सकें। यहां 100 कमरे का हॉस्टल भी बनेगा। टॉक्सीकॉलोजी विभाग में सेंटर इंस्ट्रूमेंटेशन फैसेलिटी लैब को अपग्रेड किया जाएगा। जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भौतिक विज्ञान, कंप्यूटर विभाग, गणित विभाग, माइक्रोबायोलॉजी व छोटूराम इंजीनियरिंग संस्थान में एक-एक और रसायन विभाग में दो अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं बनेंगी।

कृषि विभाग को 20 लाख रुपये आवंटित: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने कृषि विभाग के लिए एक ट्रैक्टर की जरूरत बताई थी ताकि शोध सुगम हो सके। इसे स्वीकार करते हुए ट्रैक्टर सहित अन्य सेवाओं के लिए 20 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं।

अत्याधुनिक उपकरण खरीदने के लिए इनमें डेढ़ करोड़ रुपये की आईसीपी डिवाइस फैब्रिकेशन मशीन, चार करोड़ रुपये में कंप्यूटर लैब बनेगी। इसमें डिस्टेंस लर्निंग कोर्स होंगे, चार करोड़ रुपये की एफीसेम मशीन, पौने दो करोड़ रुपये एक्सरे मशीन, सवा करोड़ रुपये में एप्लाइड बायोसिस्टम सवा दो करोड़ रुपये में वॉकिंग प्लांट ग्रोथ चेंबर, तीन करोड़ रुपये में सॉफ्टवेयर सिम्युलेशन मॉडलिंग पर खर्च होंगे। इसके अतिरिक्त 4 करोड़ रुपये में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर्वर की प्रयोगशाला बनेगी।

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