डॉ सत्यप्रकाश और उसके रुद्राक्ष न्यूरो अस्पताल की नेशनल मेडिकल कमीशन और मुख्यमंत्री योगी से शिकायत। 

  • [By: Meerut Desk || 2024-08-10 18:49 IST
डॉ सत्यप्रकाश और उसके रुद्राक्ष न्यूरो अस्पताल की नेशनल मेडिकल कमीशन और मुख्यमंत्री योगी से शिकायत। 

मेरठ। लोहिया नगर में एक अस्पताल संचालित है जिसका नाम रुद्राक्ष हॉस्पिटल है। इसका संचालन डॉ सत्यप्रकाश द्वारा किया जाता है। डॉ सत्यप्रकाश खुद को कभी मस्तिष्क एवं मनोरोग विशेषज्ञ के रूप में विज्ञापित करता है कभी वह नशा मुक्ति केंद्र चलाने का दावा करता है। डॉ सत्यप्रकाश सालों से बड़े अख़बारों में फ्रंट फुल पेज विज्ञापन छपवाता है। विज्ञापन में दुनिया भर की बीमारियों और परेशानियों का समाधान सिर्फ डॉ सत्यप्रकाश के पास है। आम आदमी को ऐसा झांसा देकर आकर्षित किया जाता है। भ्रमित और झूठे दावों वाले अपने विज्ञापनों में डॉ सत्यप्रकाश बीमारी की   17 से अधिक केटेगरी में सैकडों तरह की परेशानियों का विज्ञापन प्रकाशित कराकर आम आदमी को झांसे में लेता है कि हर बीमारी का ईलाज सिर्फ़ डॉ सत्यप्रकाश के ही पास है और कहीं नहीं। यानी बड़े बड़े समाचार पत्रों में फ्रंट पेज पर फुल साइज भ्रमित करने वाले विज्ञापन प्रकाशित करवाए जाते है। 

आपको याद होगा कि कुछ महीनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने लाला रामदेव और बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि के कई विज्ञापनों को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी। लाला रामदेव और बालकृष्ण दोनों ने सुप्रीम कोर्ट में हाथ जोड़कर बिना शर्त माफ़ी मांगी थी। लेकिन दोनों की माफ़ी का कोई फ़र्क नहीं पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने लाला रामदेव और बालकृष्ण की कंपनी पतंजलि के कई प्रोडक्ट्स पर बैन लगाया था। और बाकायदा बड़े समाचार-पत्रों में विज्ञापन छपवा कर माफ़ी मांगी और सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिबंधित प्रोडक्ट्स की सेल बंद करने की घोषणा की थी। डॉ सत्य प्रकाश भी आम आदमी को भ्रमित करने वाले और डराने वाले विज्ञापन समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाता है जोकि नेशनल मेडिकल कमीशन के नियमों के ख़िलाफ़ है। 

डॉक्टर या अस्पताल के प्रलोभन भरे विज्ञापनों पर राष्ट्रिय चिकित्सा आयोग के सख़्त: राष्ट्रिय चिकित्सा आयोग की Regulations Relating to Professional Conduct of Registered Medical Practitioners 2023 नियमावली के अनुसार कोई भी डॉक्टर अपने कौशल, योग्यता और भ्रमित दावों वाले विज्ञापनों को प्रसारित/प्रकाशित नहीं करा सकता। ऐसा करना असंवैधानिक है। राष्ट्रिय चिकित्सा आयोग के सख़्त निर्देश है कि "कोई भी चिकित्सक स्वयं (या अपने नाम) का उपयोग किसी भी प्रकार के विज्ञापन या प्रचार के विषय के रूप में अकेले या अन्य माध्यमों के साथ नहीं करेगा, जो इस प्रकार का हो कि उसकी ओर या उसकी व्यावसायिक स्थिति, कौशल, योग्यता, उपलब्धियों आदि की ओर ध्यान आकर्षित हो।"

लेकिन राष्ट्रिय चिकित्सा आयोग की कड़ी सख़्ती के बावजूद डॉ सत्य प्रकाश और रुद्राक्ष न्यूरो हॉस्पिटल आम आदमी को अपनी तरफ़ खींचने के लिए तमाम भ्रमित करने वाले विज्ञापन बड़े समाचार पत्रों में प्रकाशित कराता है। 

मरीज को लत लगाने वाली हैवी डोज़ दवाई खिलाई जाती है: डॉ सत्यप्रकाश व उसके रुद्राक्ष न्यूरो हॉस्पिटल में सामान्य मरीज को भी हैवी डोज़ दवाई खिलाई जाती है। जिसे खाकर सामान्य मरीज भी पागलपन की हरकतें करने लगता है। फिर उस मरीज़ को ऐसे ट्रीट किया जाता है कि तुम सही समय पर डॉ सत्यप्रकाश के पास आ गए वरना मामला बिगड़ जाता। मरीज को दवाओं का लंबा चौड़ा पर्चा दिया जाता है। और सभी दवाएं सिर्फ डॉ सत्यप्रकाश व उसके रुद्राक्ष न्यूरो अस्पताल में ही मिलेगी। अगर अस्पताल के बाहर किसी स्टोर से दवाई मिल भी गई तो वे दवाई काम नहीं करेगी। 

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