विवि बीएड सेल प्रभारी सर्वोत्तम शर्मा के भ्रष्टाचार और घूसखोरी की कुलाधिपति/राज्यपाल से शिकायत

  • [By: Meerut Desk || 2022-07-06 13:14 IST
विवि बीएड सेल प्रभारी सर्वोत्तम शर्मा के भ्रष्टाचार और घूसखोरी की कुलाधिपति/राज्यपाल से शिकायत
मेरठ/लखनऊ।  चौधरी चरणसिंह विवि में भ्रष्टाचार की आय-दिन खबरे आती रहती है। जब तक मोटी रिश्वत न मिले फ़ाइल को दबाकर रखना।  विवि के कई स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी करोड़ों की सम्पति के मालिक है। भ्रष्टाचार पकडे जाने पर विवि प्रशासन केवल कुछ दिनों के बाद आरोपी कर्मचारी का दूसरे विभाग में तबादला कर देता है। कुछ दिनों  के बाद आरोपी कर्मचारी फिर वापिस मलाईदार सीट पर आकर पुनः लूटपाट शुरू कर देता है। 
 

ऐसे ही एक और भ्रष्टाचार के आरोप में घिरा विवि का स्थाई कर्मी सर्वोत्तम शर्मा है। बीएड सेल प्रभारी सर्वोत्तम शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी लगाते हुए ग़ाज़ियाबाद निवासी एक महिला ने कई आरोप लगाते हुए प्रदेश राज्यपाल एवं चौधरी चरणसिंह विवि की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से बीएड सेल प्रभारी सर्वोत्तम शर्मा के भ्रष्टाचार और करोडो रूपये की संपत्ति एकत्र करने की जांच करने की मांग की है। ग़ौरतलब है बीएड सेल प्रभारी सर्वोत्तम शर्मा के भ्रष्टाचार की शिकायत पहले भी कई शिक्षक एवं अन्य लोग कर चुके है। 
 
बीएड सेल प्रभारी सर्वोत्तम शर्मा का विवि की प्रति-कुलपति के साथ सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता सरोज शर्मा पत्नी सुखदेव शर्मा ने अपनी शिकायत में कहा कि बीएड सेल प्रभारी सर्वोत्तम शर्मा जातिगत आधार पर काम करता है। सर्वोत्तम शर्मा के भ्रष्टाचार के विरुद्ध पूर्व में भी कई शिक्षकों और अन्य लोगों ने शिकायत की थी जिसके चलते सर्वोत्तम शर्मा को परीक्षा विभाग से हटाकर एक शैक्षिक विभाग में तबादला कर दिया गया था। शिकायतकर्ता के अनुसार सर्वोत्तम शर्मा ने प्रति-कुलपति के साथ सांठ-गांठ करके वापिस अपना तबादला मलाईदार सीट बीएड सेल प्रभारी के पद पर करवा लिया। तभी से बीएड सेल में मनमानी शुरू हो गई है। बीएड सेल में जो मार्कशीट पहले एक महीने में बन जाती थी वह मार्कशीट अब 3-4 महीने में भी नहीं बन पाती है। कारण अवैध वसूली।  इसी अवैध कमाई से सर्वोत्तम शर्मा ने करोड़ो रुपए की अवैध संपत्ति अर्जित कर ली है। 
 
शिकायतकर्ता ने सर्वोत्तम शर्मा पर गंभीर आरोप लगते हुए शिकायत में कहा कि वह जानबूझ कर कार्य की फ़ाइल को दबाकर बैठ जाता है और जिसका पैसा एडवांस में मिल जाता है उसी के काम को आगे बढ़ाया जाता है। परीक्षा विभाग में काम करते हुए सर्वोत्तम शर्मा ने बिना रिश्वत लिए किसी का भी TA/DA का बिल और सेंटर चार्ज की फ़ाइल को बिना रिश्वत लिए लेखा विभाग में नहीं भेजा। सर्वोत्तम शर्मा की इस रिश्वतखोरी के चलते पूर्व कुलपति सर्वोत्तम शर्मा को वहां से हटा दिया था। विवि  के अनुसार विभाग का काम 15 कार्यदिवस में हो जाना चाहिए वह काम 5-6 महीने के बाद भी नहीं होता है। सर्वोत्तम शर्मा अपनी मनमानी पर आमदा  है और विवि प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है।    
 
शिकायतकर्ता ने सर्वोत्तम शर्मा की सम्पति की उच्च स्तरीय जांच कराने की भी मांग की है। 
 
 
क्या सर्वोत्तम शर्मा की रिश्वतखोरी से अर्जित करोड़ों की संपत्ति पर चलेगा बुल्डोज़र और होगी रिकवरी? 
क्या है सर्वोत्तम शर्मा का एक लड़की से फोन पर अश्लील वार्ता करने का सच? 
 
अगली ख़बर। जल्द ही। 

 

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