दुनिया भर में गाँधी जयंती को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है  

  • [By: LIPIKA VERMA || 2024-10-02 16:18 IST
दुनिया भर में गाँधी जयंती को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है  

2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। ग़ौरतलब है कि गांधी जयंती भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश है, जिसे महात्मा गांधी के जन्म के सम्मान में 2 अक्टूबर को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। गांधीजी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक और अहिंसा के दर्शन और रणनीति के अग्रदूत थे। यह राष्ट्रिय अवकाश भारत में तीन राष्ट्रीय अवकाशों गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गाँधी जंयती में से एक है। 

2007 में, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में घोषित किया। सुभाष चंद्र बोस द्वारा "राष्ट्रीय पिता" के रूप में संदर्भित, गांधी के अहिंसक प्रतिरोध के सिद्धांतों ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के सफल संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गांधी जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। और भारत के सभी राज्यों और क्षेत्रों में मनाई जाती है। यह भारत भर में प्रार्थना सेवाओं और श्रद्धांजलि के साथ मनाया जाता है। जिसमें नई दिल्ली में गांधी के स्मारक, राजघाट भी शामिल है, जहाँ गांधीजी का अंतिम संस्कार किया गया था। लोकप्रिय गतिविधियों में प्रार्थना सभाएँ, कॉलेजों, स्थानीय सरकारी संस्थानों और सामाजिक-राजनीतिक संस्थानों द्वारा विभिन्न शहरों में स्मारक समारोह शामिल हैं। इस दिन स्कूलों और समुदाय में अहिंसक जीवन शैली को प्रोत्साहित करने वाली परियोजनाओं के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं और साथ ही भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी के प्रयासों का जश्न मनाया जाता है। गांधी का पसंदीदा भजन, रघुपति राघव राजा राम, आमतौर पर उनकी याद में गाया जाता है। पूरे देश में महात्मा गांधी की मूर्तियों को फूलों और मालाओं से सजाया जाता है। आज के दिन पुरे भारत में शराबबंदी लागू रहती है जिसका सख्ती से पालन किया जाता है। सार्वजनिक भवन, बैंक और डाकघर बंद रहते हैं।

गांधी जयंती 2014 के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। इसका दूसरा चरण गांधी जयंती 2021 पर शुरू हुआ। आज गाँधी जयंती के अवसर पर स्वच्छ भारत मिशन के रूप में भी मनाया जाता है। 

महात्मा गाँधी एवं लालबहादुर शास्त्री को सदर नमन। 

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