तीन ज़िलों के 230 कॉलेज मिलते ही गौतमबुद्ध विवि को मिलेंगे 47 करोड़ रूपये

  • [By: Meerut Desk || 2022-07-13 21:53 IST
तीन ज़िलों के 230 कॉलेज मिलते ही गौतमबुद्ध विवि को मिलेंगे 47 करोड़ रूपये

लखनऊ/मेरठ। गौतमबुद्ध विवि की अब किस्मत चमकने वाली हैं। गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर और गाजियाबाद जिले के 230 कॉलेजों को चौधरी चरण सिंह विवि से हटाकर गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय से संबद्ध करने की तैयारी मंज़िल तक पहुंच गई है। शासन ने इन तीन जिलों से चौ चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ को मिलने वाली आय का हिसाब मांगा है। चौ चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ  ने तीन साल का जो रिकॉर्ड तैयार किया है उसके अनुसार गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय से तीन जिलों के कॉलेज जुड़ते ही 47 करोड़ रुपये झोली में आएंगे। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को संबद्धता शक्तियां मिलते ही गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद एवं बुलंदशहर के जिले चौ चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ से हट जाएंगे। इन जिलों में करीब 230 कॉलेज आते हैं। चौ चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ के पास मेरठ, बागपत एवं हापुड़ जिले के करीब तीन सौ कॉलेज रह जाएंगे। दरअसल वित्तीय संकट से जूझ रहे गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के लिए संबद्धता की शक्तियों के साथ यह आय बड़ा स्रोत होगी। 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को संबद्धता शक्ति देने की ट्विटर पर घोषणा कर चुके हैं, तब से इस विश्वविद्यालय के लिए तैयारी चल रही है।


चौ चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ की रिपोर्ट के अनुसार गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर एवं बुलंदशहर जिले के कॉलेजों से आय का सबसे बड़ा स्रोत परीक्षा शुल्क है। इन तीनों जिलों से 2019-20 में विवि को बतौर परीक्षा शुल्क 30 करोड़ 40 लाख 65 हजार, 2020-21 में 29 करोड़ 27 लाख 99 हजार रुपये मिले। 2021-22 में विवि को 24 करोड़ 31 लाख 65 हजार रुपये मिलने का अनुमान है। सेल्फ फाइनेंस कोर्स से 2019-20 में 17 करोड़ 46 लाख 33 हजार, 2020-21 में 20 करोड़ 53 लाख 68 हजार, जबकि 20-22 में यह 20 करोड़ 50 लाख 46 हजार रुपये मिलने का अनुमान है। संबद्धता शुल्क से विवि को इन तीनों वर्षों में क्रमश: 78.5, 19.09 एवं 28.05 करोड़ रुपये मिले। ऐसे में चौ चरणसिंह विश्वविद्यालय मेरठ से हटने मात्र से गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को औसतन प्रतिवर्ष कॉलेजों से 47 करोड़ रुपये मिलेंगे। 

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