फर्जी डिग्री से पाई सरकारी नौकरी

  • [By: Meerut Desk || 2024-02-10 16:49 IST
फर्जी डिग्री से पाई सरकारी नौकरी

मेरठ। चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी पाने वाले युवाओं पर जांच एवं पुलिस का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। छात्रों ने विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्री से नौकरी तो पा ली, लेकिन जांच में पकड़े गए। जांच में खुद को सही साबित करने के लिए इन छात्रों के लिए विवि के नाम पर फर्जी सत्यापन रिपोर्ट तक भेजी गई। हालांकि पुलिस की टीम इसकी सत्यता जांच करने को खुद चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर पहुंच गई और मामला पकड़ा गया। पुलिस जल्दी ही फ़र्जी डिग्री देने वालों और फर्जी डिग्री लेने वालों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही करेगी। 

दरअसल फर्जी डिग्री और फर्जी सत्यापन रिपोर्ट के ये मामले देश के अलग-अलग राज्यों से हैं। इनमे पहला मामला मुरादाबाद से जुड़ा है। यहां पोस्ट बेसिक नर्सिंग की नौ मार्कशीट फर्जी मिली। मुरादाबाद में एक मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें छह लाख रुपये हड़पने की शिकायत की थी। आरोप था कि उन्हें फर्जी प्रमाण पत्र देकर लाखों रुपये ठगे गए। नर्सिंग की यह मार्कशीट नोएडा और मेरठ में एक नर्सिंग कॉलेज के नाम पर थी, जो चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध थे। इसकी जांच के लिए मुरादाबाद पुलिस ने विश्वविद्यालय कैंपस पहुंचकर जांच की। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोनों ही टीम को वास्तविक स्थिति बता दी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने गोपनीय रिकॉर्ड दिखाते हुए मार्कशीट एवं डिग्री के फर्जी होने की स्थिति से अवगत करा दिया।

दूसरा मामला कर्नाटक का है। यहां चार छात्र-छात्राओं ने सीसीएसयू के नाम पर डिप्लोमा इन लाइब्रेरी साइंस की डिग्री और मार्कशीट लगाई। डिपार्टमेंट ऑफ कॉलेजिएट एंड टेक्निकल एजुकेशन बंगलरु ने इन डिग्री एवं मार्कशीट की जांच को कहा। विवि ने यह रिपोर्ट भेजी भी नहीं थी, लेकिन इससे पहले विश्वविद्यालय के नाम से ही इन डिग्री एवं मार्कशीट को सही बताते हुए रिपोर्ट भेजी गई। इस रिपोर्ट की सत्यता के लिए कनार्टक से विजीलेंस की टीम कैंपस पहुंच गई और रिपोर्ट गलत साबित हुई। इसमें एक छात्रा की फर्जी पीएचडी की डिग्री भी है। इन सभी ने असिस्टेट प्रोफेसर के पद पर आवेदन किया था।

चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि विश्वविद्यालय के नाम पर यदि कोई घर बैठे ही डिग्री कराने का दावा कर रहा है अथवा विज्ञापन प्रकाशित करा रहा है तो उसके झांसे में ना आएं। विश्वविद्यालय प्रशासन में रेगुलर कोर्स के लिए प्रवेश की निर्धारित प्रक्रिया है और इसके लिए क्लास करना अनिवार्य है। यूजी-पीजी प्राइवेट के लिए विवि हर साल परीक्षा फॉर्म के लिए आवेदन आमंत्रित करता है। इसके लिए परीक्षा देना अनिवार्य है। ऐसे में बिना परीक्षा और प्रवेश के डिग्री देने के दावेपर छात्र भरोसा ना करें। प्रवेश से पहले चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट अवश्य चेक कर लें। कंप्यूटर रिकॉर्ड में डाटा दर्ज कराने के दावे भी फर्जी हैं। विवि के डाटा में बिना पंजीकरण और परीक्षा फॉर्म के किसी भी छात्र का नाम दर्ज कराना असंभव है। यदि ऐसा कोई दावा कर रहा हैतो वह फर्जीवाड़ा कर रहा है। 

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