जीएसटी विभाग ने पकड़ी साढ़े चार हजार से अधिक फर्जी फर्में, सरकार को करोड़ो का नुकसान

  • [By: Meerut Desk || 2024-01-24 17:24 IST
जीएसटी विभाग ने पकड़ी साढ़े चार हजार से अधिक फर्जी फर्में, सरकार को करोड़ो का नुकसान

प्रदेश में और केंद्र में सरकार किसी भी राजनैतिक दल की हो जालसाज़ और टैक्स माफिया अपना काम बड़ी चालाकी से करते ही रहते है। शायद ऐसे लोग सिस्टम से वाकिफ़ होते है कि अगर कभी पकडे गए तो कैसे बचना है। मेरठ जोन में जीएसटी विभाग ने एक ही वित्तीय वर्ष में लगभग पांच हज़ार फर्जी फार्मों को पकड़ा है जो फर्जी बिल बनाकर करोडो रूपये की आईटीसी ले लेते थे जिससे सरकार को करोड़ो रूपये के राजस्व की हानि होती है। 

दरअसल बीते दस महीने में लगभग साढ़े चार हजार से अधिक फर्जी फर्में मेरठ जोन में पकड़ी गईं। ये ऐसी फर्में हैं जिन्हें चिन्हित कर एसजीएसटी और सीजीएसटी द्वारा निरस्त और निलंबित किया जा चुका है। बाकी कितनी और बोगस फर्में हैं, इनका पता लगाया जा रहा है। कागजों पर रजिस्टर इन फर्मों में से कई फर्में फर्जी बिल काटकर आईटीसी लेकर सरकार के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचा रही थीं। आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक अप्रैल से 18 जनवरी तक लगभग 10 महीनों में 4457 बोगस फर्में केवल मेरठ जोन में पकड़ी गईं। इसमें सत्यापन के बाद एसजीएसटी ने 1490 फर्मों का पंजीकरण निरस्त किया। जबकि सीजीएसटी द्वारा मात्र 186 फर्मों का ही रजिस्ट्रेशन निरस्त किया गया। वहीं, बोगस फर्मों की जांच के लिए चलाए गए विशेष अभियान में एसजीएसटी को आवंटित 634 फर्में और सीजीएसटी को आवंटित 2147 फर्में निलंबित की गईं। जीएसटी में केवल मेरठ जोन में हर महीने औसतन 800 फर्मों का रजिस्ट्रेशन होता है। इस वित्तीय वर्ष में 18 जनवरी तक एसजीएसटी को आवंटित 4825 फर्मों का पंजीकरण किया गया। इसमें से 4433 फर्मों का सर्वे पूरा हो चुका था। इसमें 3621 फर्में सही पाई गईं, जबकि 812 के खिलाफ शिकायतें मिलीं। इस दौरान 301 फर्मों के खिलाफ एक्शन भी लिया गया।

जबसे रजिस्ट्रेशन का कार्य ऑनलाइन शुरू हुआ है तभी से जीएसटी पंजीकरण के लिए जो भी आवेदन आते हैं उन्हें कंप्यूटर स्वत: ही कुछ सेंट्रल जीएसटी और कुछ स्टेट जीएसटी को पंजीकरण के लिए आवंटित कर देता है। जो फर्म एसजीएसटी को आवंटित होती हैं, उनका सत्यापन एक महीने के अंदर हो जाता है। सत्यापन के दौरान अगर कोई खामी पाई जाती है तो पंजीकरण निरस्त कर दिया जाता है। वहीं, जो फर्म सीजीएसटी को आवंटित होती हैं, उसमें से अधिकतर का सत्यापन मानव संसाधन की कमी की वजह से पूरा नहीं हो पाता। ऐसे में फर्जी पतों पर दर्ज फर्में धड़ल्ले से चलती रहती हैं और सरकार को चूना लगाकर मोटा मुनाफा कमा लेती हैं। ऐसी फर्मों को पकड़ने के लिए पिछले दिनों दो माह का विशेष अभियान भी चलाया गया, जिसमें बड़े पैमाने पर फर्जी फर्में पकड़ी गईं, जिनका पंजीकरण निरस्त व निलंबित किया गया।

फर्जी पतों पर रजिस्टर की गई ऐसी फ़र्जी फर्में व्यापारियों से मुनाफा लेकर उन्हें बिल जारी कर रही हैं। इसका खुलासा बीते दिनों विभिन्न फर्मों की पड़ताल के दौरान हुआ। एसजीएसटी के सचल दस्ते ने बीते दिनों जांच के दौरान कुछ ऐसे मामले पकड़े, जिनमें जारी किया गया बिल ऐसी फर्मों का था जो न तो संबंधित वस्तु का उत्पादन करती हैं और न ही उसने किसी और से माल खरीदा था। ऐसे में फर्म की ओर से बिल जारी कर फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया जा रहा है। फर्जी फर्मों के जरिए टैक्स चोरी के इस तरीके से कई फर्में करोडो में मुनाफा बटोर कर बंद भी हो गईं।

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