आवास एवं विकास परिषद मेरठ का कारनामा: रिश्वत देते ही एससी आरक्षित प्लॉट हो गया जनरल, सम्पति अधिकारी की मुख्यमंत्री से शिकायत

  • [By: Meerut Desk || 2025-04-10 23:40 IST
आवास एवं विकास परिषद मेरठ का कारनामा: रिश्वत देते ही एससी आरक्षित प्लॉट हो गया जनरल, सम्पति अधिकारी की मुख्यमंत्री से शिकायत

आवास एवं विकास परिषद मेरठ का कारनामा: रिश्वत देते ही एससी आरक्षित प्लॉट हो गया जनरल, सम्पति अधिकारी की मुख्यमंत्री से शिकायत

मेरठ। आवास एवं विकास परिषद में प्लॉट आवंटन में किस कदर भ्रष्टाचार का खेल हावी है, यह प्लॉट संख्या 3/97 में खुलकर सामने आ गया है। जिसमें परिषद ने जनरल में बोली लगवाई। इसके बाद उच्च बोली दाता को बताया कि यह प्लॉट एससी के लिए आरक्षित है, लेकिन आवंटी द्वारा खुद को सामान्य जाति का बताने के बाद भी उसे आवंटन पत्र जारी कर दिया। इस पूरे मामले में आवास एवं विकास परिषद के सिर्फ संपत्ति अधिकारी ही नहीं बल्कि आला अधिकारी भी कटघरे में आ गए हैं।
 
क्या है मामला: आवास एवं विकास परिषद मेरठ ने 10 अक्तूबर 2023 में जागृति विहार एक्सटेंशन में कुछ भूखंडों की ई-नीलामी थी थी। इस नीलामी में लोहियानगर निवासी पिंटू पुत्र ओमपाल ने 156 वर्ग मीटर के भूखंड संख्या 3/97 के लिए नीलामी में भाग लिया था। यह प्लॉट एमपी/एमएलए/ फ्रीडम फाइटर के लिए आरक्षित था। जिसका आरक्षित मूल्य 31500 रुपये प्रति वर्ग मीटर रखा गया था। जिसके लिए पिंटू ने उच्चतम बोली 36100 लगाई थी, और इसके चलते पिंटू को प्लॉट आवंटित कर दिया गया था। इसके बाद आवास एवं विकास परिषद ने 14 अगस्त 2024 को पत्र जारी किया कि यह प्लॉट एससी एमपी/एमएलए/ फ्रीडम फाइटर के लिए आरक्षित है। इसलिए पिंटू से अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र मांगा गया। लेकिन पिंटू ने जवाब दिया कि उसने सामान्य जाति में ही बोली लगाई है। इसके बाद भी आवास एवं विकास परिषद ने पिंटू को तीन माह बाद 16 नवंबर 2024 को आवंटन पत्र जारी कर दिया।

संपत्ति अधिकारी की भूमिका संगिन्ध: जब पिंटू आवास एवं विकास परिषद को जवाब दे चुका था कि उसने सामान्य जाति में ही बोली लगाई है, तो फिर कैसे तीन माह बाद उसे आवंटन पत्र जारी कर दिया है। इससे साफ है कि यह आवंटन पत्र सेटिंग के बाद जारी हुआ है। जिसमें सीधे-सीधे संपत्ति अधिकारी सहित आवास एवं विकास परिषद के दूसरे आला अधिकारी भी शामिल हैं। लेकिन इस मामले में जब लखनऊ मुख्यालय पर ई-नीलामी से लेकर आवंटन तक पूरी स्क्रीनिंग हुई तो मामला खुल गया। इसके बाद वहां से पिंटू का आवंटन रद्द कर दिया गया। लेकिन तब तक पिंटू अपनी पत्नी के जेवरात बेचकर और रुपये उधार लेकर आवास एवं विकास परिषद में पचास लाख रुपये से ऊपर की धनराशि जमा करने के साथ ही चार लाख रुपये के स्टांप पेपर खरीदकर दे चुका था। अब इस मामले में उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।  इस मामले में कई बार संपत्ति अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। वहीं पिंटू का भी आरोप है कि जब वह उनसे मिलने जाता है, तो उसे भी धमकियां दी जाती हैं।
 
मुख्यमंत्री से शिकायत: इस मामले में पिंटू ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है। पिंटू का आरोप है कि आवास एवं विकास परिषद में सांठगांठ का खेल बड़े स्तर पर चल रहा है। जिसके चलते उसका आवंटन निरस्त किया गया है। यदि उसकी सुनवाई नहीं हुई तो वह पूरे मामले को लेकर कोर्ट जाएगा।

TAGS

#

SEARCH

RELATED TOPICS