अगर गौवंश कचरा खा रहा हैं तो प्रतिमाह कहां हो रही है 50 लाख की बंदरबाट

  • [By: Meerut Desk || 2024-02-12 16:03 IST
अगर गौवंश कचरा खा रहा हैं तो प्रतिमाह कहां हो रही है 50 लाख की बंदरबाट

मेरठ। नगर में गौवंशों के खान-पान पर नगर निगम 50 लाख रुपया प्रतिमाह खर्च कर रहा है। लेकिन फिर भी कई गौवंश सड़कों पर कचरा खाकर अपना पेट भरने के लिए मजबूर है। नगर निगम अधिकारी आँखों पर पट्टी बांधकर बैठे है। 


दरअसल, गोवंशों की देखरेख और चारा उपलब्ध कराने के नाम पर नगर निगम प्रतिमाह 50 लाख खर्च करता है। इसके बावजूद गोवंशों को चारा की जगह कचरा खाकर पेट भरना पड़ रहा है। शुक्रवार दोपहर ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है, जिसमें निगम की गाड़ी से गोवंश कचरा खाते दिखाई दे रही है। इस तस्वीर ने निगम के अधिकारियों के दावों की पोल खोल दी है। नगर निगम द्वारा परतापुर स्थित कान्हा उपवन बनाया हुआ है। जहां पर करीब 2350 गोवंश है। उनकी देखरेख और चारा की व्यवस्था के लिए प्रतिमाह निगम 50 लाख रुपया खर्च करता है। शहर की सड़क पर घूमती आवारा गोवंश को पकड़कर कान्हा उपवन या गोशाला में पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निगम की है। शुक्रवार को एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें गोवंश नगर निगम की गाड़ी से कचरा खा रही है। यह फोटो किला परीक्षितगढ़ रोड स्थित गांवड़ी कूड़ा निस्तारण प्लांट का बताया जा रहा है। इसको लेकर निगम की कार्यशैली की पोल खुल रही है। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी एवं पशु कल्याण अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह का कहना है कि कुछ लोग अपनी घरेलू गाय को सड़क पर छोड़ देते हैं। इसकी जानकारी की जाएगी और कार्रवाई भी करेंगे।


लेकिन कई बार नगर निगम को आवारा गौवंशों के बारे में जानकारी दी गई लेकिन निगम के किसी भी अधिकारी ने कोई कारवाही नहीं की, लेकिन गौवंशों के नाम पर 50 लाख रूपये प्रतिमाह कहां खर्च हो रहे है ये नगर निगम ही जाने। 

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