खरखौदा में करोड़ों रुपए की 15-16 बीघा सरकारी भूमि पर अवैध कब्ज़ा व निर्माण ईओ, सुनने व कार्यवाही करने को तैयार नहीं

  • [By: Meerut Desk || 2024-10-19 13:41 IST

मेरठ (यूपी): सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भूमाफियाओं, सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करने वालों और अतिक्रमण करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त  कड़ी कार्यवाई करने के बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे हो रहे है। शिकायत होने पर भी अधिकारी कुछ नहीं करते। बल्कि शिकायतकर्ता को ही डराया धमकाया जाता है। 

दरअसल यह मामला जनपद मेरठ की नगर पंचायत खरखौदा क्षेत्र का है। खरखोदा नगर पंचायत की भूमि खसरा नंबर 578 मोद्दीनपुर रोड नयागांव है। यह जमीन खरखौदा में मोइद्दीनपुर में थाना खरखौदा से पहले स्थित है। यह नगर पंचायत की एक बेशकीमती सरकारी जमीन है। इसका खसरा नंबर 578 है। यह जमीन लगभग 15-16 बीघा है। वर्तमान में उस सड़क पर 1 बीघा जमीन का बाजारी मूल्य 1 से सवा करोड़ रूपये प्रति बीघा है। 

कब्जाधारी ने सरकारी जमीन पर बारातघर का किया निर्माण: खसरा नंबर 578 पर कब्जाधारी ने जमीन के एक हिस्से पर बारातघर का पक्का निर्माण करा लिया है। अब इस बारातघर को शादी-ब्याह के लिए किराये पर देकर कब्जाधारी लाखों रुपए कमाता है। जब इस भूमि के एक भाग पर पक्के बारातघर का निर्माण किया जा रहा था, तब भी क्षेत्रीय जिम्मेदार लोगों ने जिला प्रशासन और नगर पंचायत खरखौदा के अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी से इस अवैध निर्माण की लिखित शिकायत की थी। लेकिन किसी भी अधिकारी ने कोई कार्यवाई नहीं की। और इस प्रकार सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जाकर कब्जाधारी ने अवैध निर्माण कर पक्का बारातघर भी बनवा लिया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने सरकारी जमीन पर कब्जे और अवैध बारातघर की शिकायत प्रशासन और निकाय अधिकारियों से की तो अधिकारी कुछ कार्यवाही करने के बजाय खामोशी की चादर लपेटकर बैठे रहे। 

अदालत को गुमराह कर सरकारी जमीन के कब्जाधारी ने प्राप्त किया स्टे: इसी दौरान करोड़ों रूपये की खसरा नंबर 578 की सरकारी जमीन पर अवैध कब्ज़ा करने वाला व्यक्ति अदालत में झूठी जानकारी और झूठे प्रपत्र जमकर स्टे ले आया। ग़ौरतलब है कि कब्जेधारी व्यक्ति ने अदालत में खसरा नंबर 578 की बजाय कूटरचित और पूर्व नियोजित षड्यंत्र रचकर कागजातों में गलत खसरा नंबर दर्ज कराकर अदालत को गुमराह कर स्टे प्राप्त कर लिया।  फिलहाल मामला अदालत में है। 

कागजों में फर्जीवाड़ा: असली खसरा नंबर 578 की जगह षड्यंत्र रचकर गलत खसरे नंबर के फर्जी कागज़ातों पर अदालत को गुमराह कर स्टे लेने के मामले में भी नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी से शिकायत की गई। लेकिन पूर्व की भांति अधिशासी अधिकारी गौरव चौधरी ने कोई कार्यवाई नहीं की और शिकायतों को रद्दी में डालकर ऑंखें मूंद ली।

प्रशासन और शासन तक पहुंची शिकायतें: इस संबंध में अप्रैल 2024 में जिलाधिकारी मेरठ को 10 सूत्रीय शिकायती पत्र दिया गया। इस शिकायती पत्र पर नगर पंचायत खरखौदा के कई सभासदों के हस्ताक्षर थे। इसके अतिरिक्त नगर विकास मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को भी कई सभासदों ने नगर पंचायत खरखौदा क्षेत्र में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों, घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल करना और नगर पंचायत में जड़ तक घुस चुके भ्रष्टाचार को लेकर शिकायती पत्र भेजा। लेकिन अभी तक किसी पर भी न तो कोई कारवाही की गई और न ही किसी प्रकार की जाँच ही की गई। 

कई अन्य सरकारी जमीनों पर भी है कब्ज़ा: जनपद मेरठ की खरखौदा नगर पंचायत की भूमि खसरा नंबर 578 मोद्दीनपुर रोड नयागांव में स्थित है। इस करोड़ों की बेशक़ीमती ज़मीन के अलावा नगर पंचायत क्षेत्र में कई अन्य जगह पर सरकारी जमीनों पर कब्ज़ा कर लोग आवास बनाकर रह रहे है। खसरा नंबर 578 के अलावा खसरा नंबर 576 तथा खसरा नंबर 577 भी करोडो रूपये कीमत की सरकारी जमीन है जिसका पर नगर पंचायत के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कब्ज़ा हो गया है। शिकायत होने पर भी अधिशासी अधिकारी कुछ नहीं करते है। 

नगर पंचायत खरखौदा के सभासद मांगेराम सैनी ने बताया:

नगर पंचायत अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी की मिलीभगत से ही बेशकीमती सरकारी जमीनों पर कब्जे करवाए जा रहे है। नगर पंचायत कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है। 

उत्तर प्रदेश में विकास को नए कीर्तिमान दे रही योगी सरकार की कुछ ऐसे ही भ्रष्ट और नाकारा अधिकारी छवि ख़राब करने में लगे है। ऐसे नाकारा और भ्रष्ट अधिकारियों पर सख़्त और कड़ी कार्यवाई की जानी चाहिए। 

सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने पर कानूनी कार्रवाई: भारतीय दंड संहिता की धारा 447 के तहत, सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वाले पर 3 महीने की जेल और जुर्माना हो सकता है। अगर दोबारा कब्ज़ा किया जाता है, तो सज़ा 6 महीने तक बढ़ सकती है। राज्य सरकार अतिक्रमणकारी/अवैध कब्जाधारी को बलपूर्वक बेदखल कर सकती है। बेदखली के बाद, अतिक्रमणकारी/अवैध कब्जाधारी को सरकारी भूमि पर अपनी बनाई गई संपत्ति छोड़नी होगी। अतिक्रमण/अवैध कब्जे के मामले में सरकार आरोपी से जुर्माना भी वसूल सकती है। जुर्माना की रकम अतिक्रमण की अवधि और ज़मीन की कीमत पर निर्भर करती है। सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्ज़ा करने वालों को कानून से संरक्षण मांगने का अधिकार नहीं है। 
 
कहां करें शिकायत: अगर किसी व्यक्ति ने किसी भी सरकारी भूमि पर गैरकानूनी कब्ज़ा कर लिया है तो इसकी शिकायत राज्य सरकार के एंटी भू-माफ़िया पोर्टल पर की जा सकती है। इस पोर्टल पर शिकायत करने के बाद, शिकायत पर की गई कार्रवाई की जानकारी भी प्राप्त होती है। 

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