माधवपुरम बिजलीघर के ट्रांसफार्मर मामले में जांच से मची खलबली

  • [By: PK Verma || 2024-04-18 16:19 IST
माधवपुरम बिजलीघर के ट्रांसफार्मर मामले में जांच से मची खलबली

मेरठ। प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार है। योगी सरकार भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है। इसके बावजूद भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। जब तब ऊर्जा मंत्रालय में एम् देवराज रहे उन्हें दर्जनों भ्रष्ट अधिकारियों को ससपेंड न करके नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया था। 

मेरठ स्थित माधवपुरम बिजलीघर से दो साल पूर्व भी अधिशासी अभियंता जागेश कुमार के भ्रष्टाचार की शिकायत हुई थी जिसके बाद जागेश कुमार को यहां से हटा दिया गया था। इसी बिजलीघर से एक और भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। दरअसल माधवपुरम बिजलीघर पर लगे 10 एमवीए ट्रांसफार्मर प्रकरण में नरेश शर्मा नामक समाजसेवी ने पश्चिमांचल विद्युत् वितरण के एमडी और सीएमडी से जांच कराकर भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग की है। 

मामला पावर कारपोरेशन के उच्चस्तरीय अफसरों तक पहुंचा तो हालांकि आनन-फानन में छह महीनों के बाद ट्रांसफार्मर आ गया है, लेकिन मांग की जा रही है कि नियमों को ताक पर रखकर मरम्मत के लिए दिए गए ट्रांसफार्मर मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो। आरोप है कि ट्रांसफार्मर हटाने और मरम्मत के लिए भेजने में इसकी सूचना न तो अधीक्षण अभियंता भंडार को दी गई और न ही एक करोड़ से अधिक के ट्रांसफार्मर को मरम्मत के लिए भेजने की एमडी ऊर्जा ऑफिस से अनुमति ली गई। बल्कि नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसफार्मर को मरम्मत करने वाली कंपनी को भिजवा दिया गया। मरम्मत करने वाली कंपनी उसके स्थान पर दूसरा ट्रांसफार्मर लगाती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। शिकायत के बाद इस मामले में बिजली अफसरों और कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। अगर सही तरीक़े से जांच होकर कार्यवाही हुई तो कई अधिकारी और कर्मचारी नपेंगे। 

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