भाजपा से गठबंधन की और... अजीत सिंह की राह पर जयंत चौधरी 

  • [By: Meerut Desk || 2024-02-07 14:45 IST
भाजपा से गठबंधन की और... अजीत सिंह की राह पर जयंत चौधरी 

मेरठ। राष्ट्रिय लोक दल के पूर्व राष्ट्रिय अध्यक्ष अजीत सिंह के बारे कहा जाता रहा है कि वह हमेशा सत्ता के करीब रहे है या सत्ता में भागीदारी ली है। मंत्रिपद पाने के लिए अजित सिंह ने कई बार कई राजनितिक दलों के साथ गठजोड़ किया और सत्ता का आनंद लिया। वर्तमान राजनितिक परिदृश्य में जयंत चौधरी के पास विपक्ष के गठबंधन को छोड़कर भारतीय पार्टी की तरफ कदम बढ़ाने से बेहतर कोई विकल्प नहीं था। 

दरअसल समाजवादी पार्टी के साथ सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसने के बाद रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह की खामोशी ने गठबंधन में शोर मचा दिया है। रालोद के रणनीतिकार भी असमंजस में हैं। लखनऊ में विधानसभा सत्र बीच में ही छोड़कर विधायकों को दिल्ली से बुलावा दिया गया था। इस मुलाकात को गठबंधन से जोड़कर देखा गया, लेकिन इसी दौरान दिल्ली से दोबारा संदेश दिया गया कि अभी इंतजार करें। माना जा रहा है कि रालोद नेतृत्व अपने विधायकों से अलग-अलग राय लेकर ही अगला कदम उठाएगा। पार्टी के अध्यक्ष जयंत चौधरी के दांव को प्रेशर पॉलिटिक्स से भी जोड़कर देखा जा रहा है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी  पर दबाव बनाने और मुजफ्फरनगर और हाथरस में अपने ही प्रत्याशी लड़ाने का दबाव बनाने को इस नए घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है।

बेरोज़गारी की बीमारी देश भर में फैल रही है और हर प्रदेश इस बीमारी से बुरी तरह पीड़ित है।

ओडिशा के आंकड़े देखिए - 40% युवा पढ़ाई और कमाई से दूर हैं, 1 लाख से अधिक सरकारी पद खाली हैं और लाखों युवा नौकरी की तलाश में हैं।

ओडिशा के 30 लाख से अधिक युवा नौकरी के लिए अन्य राज्यों में…

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 7, 2024 ">

राष्ट्रिय लोक दल ने भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन में बागपत, कैराना, मथुरा और अमरोहा सीट की मांग रखी है। भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी यह सीटें दिए जाने पर सहमति दिए जाने की बात सामने आई है। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी रखी जा रही है। प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी भी राष्ट्रिय लोक दल चाहता है। ग़ौरतलब है कि बुढ़ाना से राजपाल बालियान, पुरकाजी से अनिल कुमार, खतौली से मदन भैया, मीरापुर से चंदन चौहान, छपरौली से अजय कुमार, सिवालखास से गुलाम मोहम्मद, शामली से प्रसन्न चौधरी, थानाभवन से अशरफ अली खान और शादाबाद से गुड्डू चौधरी विधायक हैं। राजस्थान के भरतपुर से डॉ. सुभाष गर्ग दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।

जयंत चौधरी को भी लग रहा है कि विपक्षी गठबंधन के साथ लड़कर कुछ सीटें जितने पर भी कुछ लाभ नहीं मिलेगा। सालों से सत्तासुख नहीं मिला है। इसी को देखते हुए लोकदल अगर भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ता है तो यह निर्णय फायदेमंद होगा। 

मेरे PA के घर आज 16 घंटे ED के 23 अफ़सरों ने रेड की। गहन छानबीन के बाद उन्हें कुछ नहीं मिला। एक पैसा नहीं मिला, कोई ज्वैलरी नहीं या किसी प्रकार की कोई संपत्ति नहीं, कोई काग़ज़ नहीं

इन्होंने मनीष सिसोदिया के यहाँ रेड की, वहाँ कुछ नहीं मिला। इन्होंने सत्येन्द्र जैन के यहाँ रेड की,…

— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 6, 2024 ">

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