कमीशनखोरी में फंसे कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति, मुकदमा दर्ज, एक आरोपित गिरफ्तार

  • [By: Meerut Desk || 2022-11-01 10:11 IST
कमीशनखोरी में फंसे कानपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति, मुकदमा दर्ज, एक आरोपित गिरफ्तार

कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर विनय पाठक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। कई यूनिवर्सिटी में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डीजीटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी डेविड मारियो डेविस ने इंदिरानगर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी प्रोफेसर विनय पाठक ने बकाया भुगतान के लिए 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की।  कमीशन न देने पर अनुबंध समाप्त करने की धमकी भी दी।  डेविड का आरोप है कि कुलपति ने खुर्रमनगर निवासी एक्सेल आईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के माध्यम से कमीशन ली। आरोप है कि प्रो विनय पाठक ने बिलों के भुगतान करने के एवज में 1.41 करोड़ रुपये का कमीशन लिया। डीजीटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी ने लखनऊ में मुकदमा दर्ज कराया है। 

 एक निजी कंपनी के निदेशक ने लखनऊ के इंदिरानगर थाने में शनिवार को प्रोफेस्सरो विनय पाठक समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।  आरोप है कि डॉ भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा के कुलपति रहने के दौरान  विनय पाठक ने बिलों के भुगतान करने के एवज में 1.41 करोड़ रुपये का कमीशन लिया।  जिसके बाद इस मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी गई है।  एसटीएफ ने इस मामले में एक निजी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दरअसल, कई यूनिवर्सिटी में परीक्षा संचालन का जिम्मा संभालने वाली कंपनी डीजीटेक्स टेक्नोलॉजी इंडिया के एमडी डेविड मारियो डेविस ने इंदिरानगर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी प्रोफेसर विनय पाठक ने बकाया भुगतान के लिए 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की. कमीशन न देने पर अनुबंध समाप्त करने की धमकी भी दी. डेविड का आरोप है कि कुलपति ने खुर्रमनगर निवासी एक्सेल आईसीटी कंपनी के मालिक अजय मिश्रा के माध्यम से कमीशन ली. डेविड का कहना है कि उन्होंने अजय मिश्रा को अब तक 1.41 करोड़ रुपये का भुगतान भी किया है। डेविड का यह भी आरोप है कि वर्ष 2022-23 का अनुबंध करवाने की एवज में और कमीशन की मांग की गई. मांग पूरी न करने पर यूनिवर्सिटी का काम अजय मिश्रा को दे दिया गया।  इस मामले में एशियन एक्सप्रेस के संवाददाता ने फोन पर कुलपति विनय पाठक से उनकी प्रतिक्रिया जानने को फोन किया लेकिन उधर से फोन रिसीव नहीं हुआ। 

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