सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे है नगर निगम मेरठ के अधिकारी

  • [By: Meerut Desk || 2024-10-05 15:30 IST
सीएम योगी की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे है नगर निगम मेरठ के अधिकारी

मेरठ। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना गांधी आश्रम से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक ग्रीन रोड यानी स्मार्ट रोड के रूप में विकसित करने से नगर निगम के अधिकारियों ने मुंह मोड़ लिया है। नगर निगम के अधिकारियों को शायद इस बात से भी कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि ये स्मार्ट रोड मुख्यमंत्री योगी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। उद्घाटन के बीस दिन बाद भी अभी तक कोई कार्य शुरू नहीं किया गया। मुख्यमंत्री ग्रीन रोड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम के तहत प्रदेश के 17 नगर निगमों में प्रदेश की पहली मेरठ की गांधी आश्रम चौराहे से तेजगढ़ी चौराहे की सड़क को शामिल किया गया। लेकिन नगर निगम का निर्माण विभाग लापरवाही और नाकारापन के लिए विख्यात है। 

सीएम योगी के आदेश की धज्जियां उडाता मुख्य अभियंता: आज हमारे संवाददाता ने नगर निगम के दफ़्तर में इस निर्माण कार्य से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता कक्ष में पहुंचे। लेकिन मुख्य अभियंता की कुर्सी खाली थी। यानी मुख्य अभियंता देवेंद्र कुमार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी दफ़्तरों में 10 से 12 बजे तक अनिवार्य रूप से बैठने के आदेश की धज्जियां उड़ा रहे है। योगी सरकार के आदेश का कोई महत्त्व नहीं है मुख्य अभियंता देवेंद्र कुमार के लिए। सीट पर नहीं मिलना यह इनकी रोज की दिनचर्या है। 

ग्रीन रोड यानी स्मार्ट रोड: करीब 47 करोड़ की लागत से इस योजना के तहत उक्त सड़क पर कोई बिजली का खंभा और ट्रांसफार्मर नजर नहीं आएगा। नाले दिखाई नहीं देंगे। बिजली के तारों के साथ साथ टेलीफोन या अन्य किसी भी तरह के तार नजर नहीं आएंगे। नालों को पूरी तरह पाटकर ढका जाएगा। सभी तरह के तारों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। ट्रांसफार्मरों को सड़क से हटाकर गलियों व अन्य रास्ता पर शिफ़्ट किया जाएगा। सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। पैदल चलने वालों के फुटपाथ का निर्माण किया जाएगा। डिवाइडरों को चौड़ा करके उनमें पौधे लगाए जाएंगे, ताकि सड़क सुंदर नजर आए। सड़क से कुछ पेड़ों को भी हटाया जाएगा। सड़क बनने के बाद कोई भी विभाग रोड कटिंग यानी सड़क में तोड़फोड़ नहीं कर पाएगा।

सड़क निर्माण का ठेका जीत कंट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। ठेकेदार को 15 माह में कार्य निपटने का समय दिया गया है। सड़क बेहद मजबूत बनाई जाएगी। इस सड़क निर्माण का शुभारंभ 11 सितंबर को उर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र तोमर के हाथों किया गया था।

21 दिन बीतने के बाद भी कोई भी कार्य शुरू नहीं किया गया। सड़क निर्माण की वजह से लगभग 2 साल से तेजगढ़ी चौराहे से लेकर हापुड़ अड्डा चौराहे तक सड़क गड्ढों भरमार है। कई वीआईपी लोग इस सड़क से गुजरते हैं। आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपने नाकारापन के चलते नगर निगम के अधिकारी इस सड़क के निर्माण कार्य का शुभारंभ कराने के बाद इस सड़क को पूरी तरह से भूल गए। इस योजना की फाइल पर धूल चढ़नी शुरू हो गई। 

एशियन एक्सप्रेस के संवाददाता ने जब नगर निगम मेरठ के निर्माण अनुभाग के मुख्य अभियंता देवेन्द्र कुमार से इस बाबत पूछा तो उन्होंने कहा:

"गांधी आश्रम से लेकर तेजगढ़ी चौराहे तक की सड़क का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाएगा। सबसे पहले बिजली तारों को अंडरग्राउंड और ट्रांसफार्मरों को शिफ्ट किया जाएगा।"

लेकिन उद्घाटन के 20 दिन बाद भी नगर निगम ने कुछ भी नहीं किया। मुख्य अभियंता न तो मीडिया का फोन उठाते है और न ही सुबह 10 से 12 बजे अपने कार्यालय में ही मिलते है। जिम्मेदारी से भागना और कार्य को समय पर पूरा नहीं कराना यह मुख्य अभियंता का शगल बन गया है।  

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