नगर निगम लिपिक डेढ़ लाख की घूस लेते रंगेहाथ गिरफ़्तार, टैक्स इंस्पेक्टर अनुपम राणा फरार

  • [By: Meerut Desk || 2024-02-19 18:10 IST
नगर निगम लिपिक डेढ़ लाख की घूस लेते रंगेहाथ गिरफ़्तार, टैक्स इंस्पेक्टर अनुपम राणा फरार

मेरठ। नगर निगम में भ्रष्टाचार सिर चढ़कर बोल रहा है। अभी कुछ माह पहले भी गृहकर कम करने के लिए घूस मांगने पर निगम के दो कर्मचारियों को पकड़ने क्राइम ब्रांच की टीम पहुंची थी जिसमे टैक्स इंस्पेक्टर जीतेन्द्र हाथ नहीं आया लेकिन दूसरा कर्मचारी रंगे हाथ पकड़ा गया जिसे जेल भेज दिया गया था। 

सोमवार को नगर निगम के गृहकर विभाग के दो रिश्वतखोर और भ्रष्ट लिपिक राहुल और दीपक ने एक गृहस्वामी से गृहकर कम करने के लिए डेढ़ लाख की रिश्वत मांगी लेकिन दोनों भ्रष्टपरियों को एंटी करप्शन टीम ने डेढ़ लाख की रिश्वत लेते रंग हाथ दबोच लिए हैं। दरअसल एंटी करप्शन की टीम को शिकायत मिली थी कि लाखों रूपये रिश्वत में लेकर राहुल और दीपक नामक लिपिक गृहकर माफ करने की बात कर रहे हैं। जिसके बाद एंटी करप्शन की टीम ने जाल बिछाया और भ्रष्ट लिपिक राहुल और दीपक को रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। दोनों को एंटी करप्शन की टीम ने डेढ़ लाख की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है। एंटी करप्शन की टीम दीपक को पुलिस के साथ थाने लेकर पहुंची है जहां उससे पूछताछ की जा रही है। बताया जाता है कि दीपक पिछले कई दिनों से गृहकर माफ करने की एवज में पीड़ित गृहस्वामी से रकम मांग रहा था। ख़बर लिखे जाने तक, देहली गेट थाने में एंटी करप्शन की टीम दीपक से पूछताछ कर रही है।

क्या है पूरी कहानी: दरअसल सुधांशु की ईवीज चौराहे पर नग और रत्न की दुकान हैं। वह संयुक्त व्यापार संघ के मीडिया प्रभारी एवं भाजपा नेता भी है। नगर निगम द्वारा सुधांशु को 4 लाख रूपये का नोटिस भेजा गया। जमा नहीं करने पर जब नगर निगम की टीम सुधांशु की दुकान पर पहुंची। टीम में टैक्स इंस्पेक्टर अनुपम राणा थे। टीम के लोगों ने सुधांशु से तय किया कि 4 लाख रूपये के टैक्स को काम करने के लिए 2 लाख 6 हज़ार रूपये देने होंगे जिसमे से सिर्फ़ 56 हज़ार रूपये की ही रसीद मिलेगी बाकि का डेढ़ लाख रुपया रिश्वत का होगा। इस पर सुधांशु ने 56 हज़ार रूपये देकर रसीद ले ली। इसके बाद सुधांशु ने नगर निगम की टीम द्वारा डेढ़ लाख की रिश्वत मांगने की शिकायत की। इसके बाद सोमवार को एंटी करप्शन की टीम जब नगर निगम ऑफिस पहुंची तो वहां पर सुधांशु ने लिपिक दीपक निवासी सतवाई और अनुचर राहुल गौतम निवासी जाग्रति विहार को डेढ़ लाख रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोच लिया। जबकि राजस्व निरीक्षक अनुपम राणा मौके से फरार हो गया। टीम ने दोनों को पकड़कर थाने ले गई और मुकदमा दर्ज़ कराया। एंटी करप्शन की टीम में इंस्पेक्टर अंजू भदौरिया, अर्चना चौधरी, बब्बन खान, बसंत सिंह, दुर्गे कुमार, सिपाही रविंद्र और गौरव कुमार रहे।

इस घटना पर नगर निगम मेरठ की अपर नगर आयुक्त ममता मालवीय ने एशियन एक्सप्रेस को बताया: नगर निगम में दो क्लर्क रिश्वत लेते पकडे गए है। दोनों के विरुद्ध निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। ई-पॉश मशीन से कर जमा कराने की रसीद की बात सामने आ रही हैं। इस मामले की विभागीय जाँच भी कराई जाएगी। 

लगातार तीसरी बार निगम का हाउस टैक्स गिरफ्त में: नगर निगम का हाउस टैक्स विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा। लगातार तीसरी बार रिश्वत के आरोप में एंटी एं करप्शन टीम ने नगर निगम में कार्रवाई की और रंगेहाथ आरोपियों को पकड़ा और जेल भेज दिया, लेकिन फिर भी भ्रष्टाचारी समझने को तैयार नहीं हैं। 

करीब सवा साल पूर्व 24 दिसंबर 2023 को राजस्व निरीक्षक नवल सिंह राघव को एंटी एं करप्शन टीम ने गंगानगर स्थित निगम कार्यालय से पांच हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया था। नवल सिंह राघव कई महीने तक न्यायिक हिरासत में जेल में रहे थे। अब जमानत पर है। 

उसके बाद 16 अगस्त 2023 को मुंशी हाजी मुनव्वर को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। भ्रष्टचारी राजस्व निरीक्षण जीतेन्द्र अग्रवाल मौके से फरार हो गया था। बाद में हाईकोर्ट से स्टे आर्डर ले आया गया।

मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने हाउस टैक्स कम करने को लेकर डेढ़ लाख की रिश्वत लेने के आरोपी लिपिक और चपरासी को गिरफ्तार किए जाने के मामले में कहा कि ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई के लिए कहेंगे।

नगर निगम हाउस टैक्स विभाग में रिश्वतखोरी चरम पर है। लोग प्रताड़ित हो रहे हैं। अधिकारी खामोश है। पिछली बार हाउस टैक्स में रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी के बाद 42 बाबुओं के पटल परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार हुआ था, लेकिन अचानक से उसकी फाइल बाबुओं ने दबवा दी। अब तक किसी का ट्रांसफर नहीं हुआ। लेकिन तमाम अधिकारी खामोश है। 

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