मेरठ के वार्ड-62 में मोटे कमीशन को बनी-बनाई सड़क तोड़कर बन रही दोबारा, स्थानीय लोगों में रोष, सीएम योगी से शिकायत

  • [By: Meerut Desk || 2024-10-03 18:38 IST

मेरठ। अक्टूबर हिन्दू त्यौहारों का महीना होता है। लेकिन त्यौहार शुरू होते ही नाली-सड़क तोड़ी जा रही है। नाली की गंदगी को सड़क पर फैला दिया गया है। इतना ही नहीं वार्ड 62 की सुनारों की धर्मशाला वाली उस सड़क को तोड़कर उसे ऊँचा उठाकर बनाया जाना है जोकि साफ-सुथरी सड़क है। सड़क में एक भी गड्ढा नहीं है। कारण सिर्फ बारिश में जलभराव होता है। जबकि वास्तव में जलभराव के लिए गंदगी से ऊपर तक अटी पड़ी नालियां और क्षेत्र के छोटे नाले है। जिनकी सफाई हुए महीनों गुजर गए। इनमे सिल्ट भरी पड़ी है। यदि नालियों की सिल्ट निकालकर अच्छी तरह से सफाई कराई जाये तो बारिश में जलभराव रोका जा सकता है। लेकिन मोटा कमीशन तो सड़क निर्माण में मिलता है। इसी लालच के चलते बनी-बनाई सड़क को तोड़कर उसे ऊँचा उठाकर बनाने का प्रस्ताव स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा नगर निगम में दिया गया और निगम ने इस कार्य की संतुति करके टेंडर जारी कर कार्य शुरू करा दिया।

भ्रष्टाचार के इस इस पुरे मामले की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके ट्विटर हैंडल पर की गई। इसमें पूरे मामले की उच्च स्तरीय जाँच की बात कही गई है। 

यह भी पढ़े: भ्रष्टाचार करने वालों की खैर नहीं: सौरभ गंगवार आईएएस, नगरायुक्त मेरठ

स्थानीय सभासद ने दिया सड़क तोड़कर दोबारा बनाने का प्रस्ताव: वार्ड में स्थानीय पार्षद गली, खड़ंजा, नाली आदि की मरम्मत और नए निर्माण के लिए नगर निगम में प्रस्ताव देता है। उसके बाद उस क्षेत्र के अवर अभियंता द्वारा उसका अनुमानित खर्च (एस्टीमेट) बनाकर सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और उसके बाद मुख्य अभियंता के पास मंजूरी के लिए जाता है। 

यह भी पढ़े: नगर निगम मेरठ में निष्प्रयोज्य वाहनों की मरम्मत, डीजल-पेट्रोल पर करोड़ों का भुगतान।

साफ-सुथरी सड़क तुड़वा दी: स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ कमीशन के लिए साफ-सुथरी सड़क को तोड़कर दोबारा बनाया जा रहा है। सड़क पर कही भी टूट फूट और गड्ढे नहीं है। जलभराव का बहाना बनाकर हिन्दू त्योहारों के समय परेशान किया जा रहा है। वार्ड 62 की बनी-बनाई और साफ-सुथरी सड़क को तोड़कर उसे ऊंचा करने के ख़िलाफ़ स्थानीय लोगों में पूरा आक्रोश और रोष है। लोगों का कहना है कि स्थानीय पार्षद को नालियां साफ़ करानी चहिये। क्षेत्र के एक जिम्मेदार निवासी ने बताया कि मोटे कमीशन के लालच में सड़क को ऊंची करके स्थानीय लोगों की समस्यायों को और बढ़ाया जा रहा है। यह सिर्फ सरकारी ख़जाने की लूट है और कुछ नहीं। 

यह भी पढ़े: वाहन की कीमत 5 लाख उस पर मरम्मत खर्च 20 लाख, जांच में खुलासा, नगर निगम मेरठ में मचा हड़कंप

सिर्फ़ नालियों की सफाई की जरुरत थी: नगर निगम के क्षेत्रीय अवर अभियंता के अनुसार इस सड़कों को ऊँचा उठाना है इसलिए यह टेंडर दिया गया है। जबकि स्थानीय लोगों के अनुसार कई महीनों से नालियां साफ नहीं की गई है। नालियां ऊपर तक अटी पड़ी है जिसके चलते कुछ मिनट की बारिश में ही जल भराव हो जाता है। स्थानीय लोगों के मकान सड़क से नीचे होने के चलते घरों में भी पानी भर जाता है। अगर नालियों में जमी हुई सिल्ट को निकाल दिया जाये तो बारिश में जल भराव की समस्या का निदान हो सकता है। लेकिन ऊपर तक अटी पड़ी नालियों को साफ़ कराने के बजाये सड़क को ही ऊँचा उठाया जा रहा है। इससे लोगों के घर सड़क से और नीचे हो जायेंगे और घरों में ज्यादा पानी भरेगा।  

स्थानीय लोगों में रोष: नालियां साफ़ कराने के बजाय सड़क को ऊँची करने को लेकर स्थानीय लोग दो दिन से लगातार इस कार्य का विरोध कर रहे है। सभी को इसी बात का डर है कि बेवजह सड़क को ऊँची करने से उनके घरों में बिना बरसात के भी पानी घुस जायेगा। लेकिन सुनने वाला कोई नहीं।

हिन्दू त्यौहार शुरू होते ही सड़क पर चलना दूभर: 3 अक्टूबर से हिन्दुओं के पवित्र त्यौहार नवरात्रे शुरू हो गए है। और उधर सड़क/नाली तोड़ना शुरू हो गया है। यह पूरा महीना त्योहारों का है जिसमे नवरात्रे, दशहरा, दिवाली, भाई दूज आदि है। लेकिन सड़क टूटते ही वहां से गुजरना मुश्किल हो गया है। नालियां तोड़ी जा रही है और उसकी गंदगी को सड़क पर फैला दिया गया है। 

वार्ड-62 की 6 से अधिक सड़के दोबारा बनाने की तैयारी: वार्ड के पार्षद ने क्षेत्र की 6 अन्य सड़कों के नाली निर्माण और सड़क उठान के लिए नगर निगम को प्रस्ताव दिए है। जिसकी कोई जरुरत ही नहीं हैं। जबकि वे तमाम सड़कें/खड़ंजे साफ़-सुथरे है और उनमे टूट-फूट या गड्ढे भी नहीं है। यानी सरकारी ख़जाने की बंदरबाट की पूरी तैयारी चल रही है। 

इस मामले में जब हमारे संवाददाता ने नगर निगम के मुख्य अभियंता देवेंद्र कुमार से फोन पर बात की तो उन्होंने अधिशासी अभियंता से मिलने के बात कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। इसके अलावा सम्बंधित अवर अभियंता राजपाल से इस निर्माण कार्य के टेंडर आदि की जानकारी के लिए संपर्क किया तो वह स्थानीय पार्षद से बात करने की बात कह खिसक लिए। 

Updated on 6 October, 2024

घटिया सामग्री का प्रयोग: वार्ड 62 में सुनारों की धर्मशाला के पास हो रहे नाली-सड़क निर्माण में कच्ची और बेहद घटिया क्वालिटी की ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है। जबकि रविवार 6 अक्टूबर को नगरायुक्त ने यह चेतावनी दी है कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने पर ठेकेदार और निगम अभियंता नपेंगे। तथा आरोपी ठेकेदार को ब्लैक-लिस्ट किया जायेगा। 

लापरवाह अवर अभियंता ने कोई भौतिक जांच नहीं की: इस बाबत जब अवर अभियंता रजपाल से पूछा गया तो उसने जांच कराने की बात कही। लेकिन ठेकेदारों के निर्देश के अनुसार काम करने वाले अवर अभियंता ने कुछ भी नहीं किया। वह कार्य स्थल पर भौतिक रूप से कभी नहीं जाता। सिर्फ पार्षद द्वारा लाये गए प्रस्ताव को बिना जांचे परखे अनुमति और टेंडर प्रक्रिया के लिए आगे बढ़ा देता है। अपने एयरकंडिशन्ड कमरे से बाहर निकलकर काम करना उसे पसंद नहीं। 

अवर अभियंता हुआ कार्यमुक्त: परिणामस्वरुप: 6 अक्टूबर रविवार को नगर आयुक्त की समीक्षा बैठक से अवर अभियंता रजपाल को डांटकर बैठक से बाहर निकला गया और उसे कार्यमुक्त करने के आदेश दिए गए। 

 

SEARCH

RELATED TOPICS