मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की मिलीभगत से कागज़ों में चल रही नौकरी, बिना काम वेतन ले रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारी

  • [By: Meerut Desk || 2024-08-07 13:12 IST
मेरठ के लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों की मिलीभगत से कागज़ों में चल रही नौकरी, बिना काम वेतन ले रहे आउटसोर्सिंग कर्मचारी

मेरठ। भ्रष्टाचार और अनियमितता के ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख़्ती के बावजूद कई विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में व्यवस्था तार तार हो रही है। आउटसोर्सिंग कर्मचारी सिर्फ कागज़ों में ही नौकरी कर रहे है। यानि बिना काम किये वेतन रिलीज किया जा रहा है। सम्बंधित अधिकारी ख़ामोशी ताला मुंह पर लगाए बैठे है। भ्रष्टाचार चरम पर है। 

दरअसल लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज में नियुक्त आउटसोर्सिंग कर्मचारियों द्वारा भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला जा रहा है। बड़ी संख्या में कर्मचारियों का बिना काम के ही वेतन जारी हो रहा है। वहीं, मेडिकल प्रशासन ने अब आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की है। मेडिकल में रोजाना मेरठ समेत आसपास के करीब आठ जिलों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते है। इन मरीजों को अच्छी चिकित्सा सेवाएं मिल सके इसके लिए आउटसोर्सिंग नर्सिंग स्टॉफ की नियुक्ति की गई है। इस समय करीब 250 आउटसोर्सिंग कर्मचारी मेडिकल में रजिस्टर्ड है, लेकिन इनमें से बड़ी संख्या में कर्मचारियों को बिना काम करे ही वेतन जारी किया जा रहा है।

गौरतलब है कि मेडिकल में मरीजों की देखभाल के लिए पहले से ही नर्सिंग स्टॉफ की भारी कमी है। अकेले इमरजेंसी में ही इस समय 72 बेड है। जिन पर हर समय मरीजों का इलाज चलता है। जबकि वार्डों में अलग से मरीजों को भर्ती किया जाता है। इनके लिए परमानेंट नर्सिंग स्टॉफ की कमी के चलते आउटसोर्सिंग स्टॉफ की नियुक्ति की गई है। जिसके लिए जीत एचआर व जीत सिक्योरिटी कंपनी को ठेका दिया गया है। कर्मचारियों की रोजना उपस्थिति एक रजिस्टर में दर्ज की जाती है। उपस्थिति को लेकर हर माह एक नया रजिस्टर बनाया जाता है। लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ। 

सूत्रों से पता चला है कि पिछले एक साल से अधिक से सभी उपस्थिति रजिस्टर गायब है। वहीं, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के अनुपस्थित रहने की शिकायत मिलने के बाद मेडिकल प्रशासन ने सभी विभागों के नर्सिंग हैडों को अपने विभाग में तैनात आउटसोर्सिंग नर्सिंग स्टॉफ की निगरानी करने की एडवाइजरी जारी की है। यह खेल कई साल से चल रहा है। जिससे मेडिकल प्रशासन को भी आर्थिक नुकसान पहुँचाया जा रहा है। लेकिन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस अंधेरगर्दी को रोकने के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया। ऐसा लगता है कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार का यह खेल खेला जा रहा हैं। 

लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ में आउटसोर्सिंग कर्मचारी उपलब्ध कराने का ठेका जीत सिक्योरिटी सर्विसेज के पास है जिसका पंजीकृत कार्यालय जरी बाजार प्रयागराज और कॉर्पोरेट ऑफिस उत्तरांचल कॉलोनी इंदलपुर रोड़ प्रयागराज उत्तर प्रदेश है। 


जब एशियन एक्सप्रेस संवाददाता ने जीत सिक्योरिटी सर्विसेज के संचालक रंजीत दूबे से इस गड़बड़ी के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया:

"हमारे पास ऑनलाइन अटेंडेंस होती है, एवं कर्मचारियों की भर्ती जनशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जाती है। हमारी कंपनी द्वारा लगभग 401 कर्मचारियों की लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ में ड्यूटी लगी है।  मेडिकल कॉलेज में ही एक अन्य आउटसोर्सिंग कंपनी काम कर रही है। 

भ्रष्टाचार के इस खुलासे पर तमाम अधिकारी खामोश: उक्त प्रकरण में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्रधानाचार्य डॉ आरसी गुप्ता, प्रमुख अधीक्षक डॉ धीरज राज, आउटसोर्सिंग प्रभारी नोडल अधिकारी डॉ तरुण पाल समेत सभी अधिकारी इस खुलासे और भ्रष्टाचार पर कुछ भी बताने, और बात करने से बचते रहे। यानी भ्रष्टाचार चरम पर हैं। 

लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज मेरठ हो रही इस अनियमितता और भ्रष्टाचार के खेल में कई अधिकारी मिले हुए है। समाजसेवी और आरटीआई कार्यकर्ता मनोज कुमार ने कहां कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की जाएगी। 

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