विवि में फ़र्जी प्रमाणपत्र लगाकर बनी प्रोफेसर, कार्य-परिषद् ने किया अनुमोदन, अब होगी कार्यवाई

  • [By: Meerut Desk || 2022-07-06 12:19 IST
विवि में फ़र्जी प्रमाणपत्र लगाकर बनी प्रोफेसर, कार्य-परिषद् ने किया अनुमोदन, अब होगी कार्यवाई
 
दूसरी बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लगातार कड़ी कार्यवाई कर रहे हैं। फिर भी कुछ लोग फर्जीवाड़े से बाज नहीं आ रहे हैं। 
 
मामला उत्तर प्रदेश के अवध विवि का है। विवि में सहायक प्रोफेसर पद पर चयन होने के लिए डॉ प्रीति सिंह ने फ़र्जी तरीके से ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनवाया। यह प्रमाण-पत्र आर्थिक रूप से निर्धन व्यक्ति के लिए बनाया जाता हैं, जबकि डॉ प्रीति के पिता इंटर कॉलेज में प्रवक्ता है और उसकी एक लाख रूपये से अधिक वेतन है और उसकी मां उच्च प्राथमिक विद्यालय में अध्यापिका है, उसका वेतन भी लगभग सत्तर हजार रूपये से अधिक वेतन है। अर्थात माता-पिता का वेतन लगभग दो लाख रुपया महीना है। दूसरी और बेटी ने आर्थिक रूप से कमजोर का प्रमाण पत्र बनवा लिया। तहसील प्रशासन भी आँखों पर पट्टी बांध कर बैठा रहा।  विवि प्रशासन ने उक्त प्रमाणपत्र की शिकायत के चलते डॉ प्रीति सिंह की नियुक्ति पर रोक लगा दी है और जाँच के लिए जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिखा है। डॉ प्रीति सिंह के फ़र्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र की जांच बलिया जिला प्रशासन कर रहा है। 
 
गौरतलब है कि फ़र्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के बाद भी विवि की कार्यपरिषद ने डॉ प्रीति सिंह की नियुक्ति पर मुहर लगा दी थी। लेकिन फ़र्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र का मामला 

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