अवनीश गोयल समेत तमाम तेल माफियाओं के मुकदमों में बढ़ी हुई धाराओं पर अभियोजन की मुहर

  • [By: Meerut Desk || 2022-11-10 12:59 IST
अवनीश गोयल समेत तमाम तेल माफियाओं के मुकदमों में बढ़ी हुई धाराओं पर अभियोजन की मुहर

मेरठ। मेरठ व बागपत में मदर बोर्ड और चिप के जरिए पेट्रोल पंपों पर बड़े खेल का पर्दाफाश करने के बाद एसटीएफ आरोपियों पर शिकंजा कसती जा रही है। सात लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि 12 की तलाश अभी जारी है। एसटीएफ इनके संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है। लोकल पुलिस का भी सहयोग लिया जा रहा है। एसटीएफ, पुलिस और आपूर्ति विभाग की टीम ने मेरठ के पांच पेट्रोल पंप पर छापा मारकर बड़ा खेल उजागर किया था। यहां चिप लगाकर मशीने हैक की गई थी। बाद में बागपत में भी इस खेल का खुलासा हुआ। एसटीएफ ने कुल पांच मुकदमें दर्ज कराये, जिनमें 19 लोगों को नामजद किया गया था। इनमें कई पंपो के संचालक/मालिक, मैनेजर और कंपनी के कर्मचारी रहे। शुरुआती कार्रवाई करते हुए एसटीएफ इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। अभी 12 लोग फरार हैं, जिनकी एसटीएफ ने तलाश तेज कर दी है। जो लोग फरार चल रहे हैं, उनमें रीता, राहुल त्यागी, अवनीश गोयल पुत्र कैलाश चंद गोयल, संचित गोयल पुत्र अवनीश गोयल, सलीम, सतेंद्र कुमार, कुलदीप, सतीश, सुशांत मिश्रा, राजेंद्र प्रसाद गोयल शामिल हैं। चिप व बोर्ड के जरिए खिलवाड़ करने वाले न केवल जनता को बल्कि सरकार को भी नुकसान पहुंचाते आ रहे थे। वह पेट्रोल के साथ में साल्वेंट मिक्स कर बेचते थे। जनता को वह मिक्स पेट्रोल ही बेचते रहे लेकिन राजस्व केवल निर्धारित क्षमता का ही चुकाते रहे। अफसरों की मानें तो इन पंपों के द्वारा की गई राजस्व की चोरी का भी आंकलन किया जा रहा है।

तेल के काले खेल में तेल माफियाओं पर बढ़ाई गई धाराओं पर अभियोजन की भी मुहर लग गई है। पुलिस ने धाराएं बढ़ाकर जीडी में एंट्री कर दी थी। फाइल अभियोजन कार्यालय भेजी गई और ज्वाइंट डायरेक्टर की राय ली गई। अभियोजन की ओर से धोखाधड़ी और आईटी एक्ट का अपराध होना पाया गया है और धाराएं बढ़ाने पर सहमति दी है। ऐसे में केस में अब आईटी एक्ट की धारा भी बढ़ जाएगी। ग़ौरतलब है कि मेरठ, बागपत और हापुड़ में एसटीएफ, पुलिस-प्रशासन और आपूर्ति विभाग की ज्वाइंट टीम ने कुछ दिन पहले पेट्रोल पंपों पर छापेमारी की थी। मेरठ में चार और बागपत में एक मुकदमा दर्ज किया गया। मुकदमे में खेल करते हुए केवल आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा लगाई थी। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने जानकारी होने पर शासन को रिपोर्ट भेजी। लखनऊ से अधिकारियों के फोन घनघनाए, जिसके बाद मुकदमे में धोखाधड़ी की धाराएं बढ़ाई गईं। इन मुकदमों में अब आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 को बढ़ा दिया गया। फाइल ज्वाइंट डायरेक्टर अभियोजन को भेजकर रिपोर्ट मांगी गई। अभियोजन की ओर से भी सभी धाराओं पर मुहर लगा दी गई। इस मामले में आईटी एक्ट की बढ़ोत्तरी की भी बात की गई है। ऐसे में सभी मुकदमों में चिप और मदर बोर्ड के इस्तेमाल को लेकर आईटी एक्ट बढ़ाने पर मंजूरी दी है। पुलिस अब बढ़ाई धाराओं में कोर्ट के सामने याचिका देगी और रिमांड मांगेगी। कोर्ट इस बढ़ी हुई धारा में रिमांड देगी। आरोपियों को कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा। पुलिस के दो अधिकारियों को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी अफसरों ने दी है।


एसपी सिटी, मेरठ, पीयूष सिंह ने बताया:
"धाराएं बढ़ाने के बाद फाइल ज्वाइंट डायरेक्टर अभियोजन को भेजी गई थी। अभियोजन की ओर से भी धोखाधड़ी यानी 420, 467, 468, 471 और आईटी एक्ट की धारा बढ़ाने पर सहमति दी गई है। पुलिस अब बढ़ी हुई धाराओं में आरोपियों का रिमांड बनवाने के लिए कोर्ट में अर्जी देगी।"

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