निजी स्वार्थ के चलते शासनादेश मानने को तैयार नहीं अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड पीडब्लूडी शैलेन्द्र सारस्वत

  • [By: Meerut Desk || 2022-08-17 00:09 IST
 निजी स्वार्थ के चलते शासनादेश मानने को तैयार नहीं अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड पीडब्लूडी शैलेन्द्र सारस्वत

मेरठ/लखनऊ: प्रदेश की योगी सरकार ने बागपत के लोक निर्माण विभाग के निर्माण[खंड को ख़त्म कर मेरठ में निर्माण खंड लोक निर्माण विभाग की स्थापना कर दी थी। जिसके संचालन के लिए शासन ने संजय सिंह को अधिशासी अभियंता निर्माण खंड मेरठ नियुक्त कर दिया। 15 अगस्त 2022 को मुख्य अभियंता राजीव कुमार यादव ने विधिवत रूप से निर्माण खंड कार्यालय का शिलान्यस कर दिया। इससे नव निर्मित निर्माण खंड के कर्मचारी एवं अभियंता मुख्य अभियंता कार्यालय के मीटिंग हॉल में बैठकर कार्य कर रहे थे। निर्माण खंड के शासन द्वारा नियुक्त अधिशासी अभियंता अपने ऑफिस के कर्मियों का वेतन समय से जारी कर चुके है। भुगतान कार्यों के लिए उनका डोंगल बन चूका है। लेकिन वेतन भुगतान के अतिरिक्त कार्यों की अनुमति एवं भुगतान का अधिकार पर प्रांतीय खंड का शैलेन्द्र सारस्वत कुंडली मारकर बैठा है। 

मुख्य अभियंता कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता राजीव कुमार यादव प्रांतीय खंड मेरठ के अधिशासी अभियंता शैलेन्द्र सारस्वत को निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता का चार्ज तत्काल निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता को देने का लिखित 18 जून 2022 को  आदेशजारी कर चुके है तथा कई बार मौखिक रूप से भी निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता को चार्ज देने को कह चुके है लेकिन प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता पर इस आदेश का कोई असर नहीं पड़ा। और उसने निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता को चार्ज देने से इंकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार मुख्य अभियंता 18 जून 2022 के अपने आदेश के सन्दर्भ में रिमाइंडर भी भेज चुके है। लेकिन प्रांतीय खंड का अधिशासी अभियंता शैलेन्द्र सारस्वत पर कोई फर्क नहीं पड़ा। 
निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता को चार्ज नहीं देने की वजह: 
दरअसल पीडब्लूडी में वित्तीय अधिकार होने के कारण अधिशासी अभियंता का पद मलाईदार होता है। करोड़ों रूपये के निर्माण कार्यों के भुगतान के समय कमीशन की बंदरबाट होती है। इसी कमीशन के लालच के चलते प्रांतीय खंड का अधिशासी अभियंता निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता को चार्ज देना नहीं चाहता है ताकि वह ठेकेदारों के होने वाले भुगतान से मिलने वाले कमीशन को बटोरता रहे। निर्माण खंड के सहायक अभियंता (मुख्यालय) के अनुसार अवर और सहायक अभियंताओं को प्रांतीय खंड ने चार्ज दे दिया है, लेकिन भुगतान के सारे अधिकार अपने पास रखे हुए है। 

शासन के आदेश की धज्जियां उड़ा रहा है अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड शैलेन्द्र सारस्वत :
शासन ने अपनी तबादला एवं प्रमोशन नीति के अनुसार सहायक अभियंता संजय सिंह को प्रोमोट करके उन्हें अधिशासी अभियंता निर्माण खंड मेरठ में नियुक्त किया था। संजय सिंह ने शासन के आदेशानुसार मुख्य अभियंता कार्यालय में ज्वाइन भी कर लिया था। संजय सिंह की नियुक्ति से पूर्व निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता का चार्ज अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड के पास था। शैलेन्द्र सारस्वत भी सहायक अभियंता से प्रमोट होकर पहली बार अधिशासी अभियंता बनकर प्रांतीय खंड मेरठ आया है। मलाईदार सीट पर आते ही शैलेन्द्र सारस्वत ने अपना रंग दिखाना आरंभ कर दिया। उसने मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता के आदेश को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। दोनों बड़े अधिकारी शासन का प्रतिनिधित्व करते है इस प्रकार शैलेन्द्र सारस्वत ने शासन के आदेश को मानने से इंकार कर दिया। विभाग के एक जिम्मेदार अभियंता ने हमारे संवाददाता को नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यदि शासन के आदेश का अनुपालन नहीं किया जाना था तो शासन को अधिशासी अभियंता  निर्माण खंड मेरठ पद पर नई नियुक्ति करनी ही नहीं चाहिए थी। 
प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता शैलेन्द्र सारस्वत की तानाशाही और शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाने के मामले में एशियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ संवादाता पीके वर्मा ने अधीक्षण अभियंता से पूछा तो उन्होंने कहा, "प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता से मिल लीजिए।"

पीडब्लूडी बागपत के अधिशासी अभियंता अतुल कुमार पर भी था 3 डिवीज़न का चार्ज:
प्रांतीय खंड बागपत के अधिशासी अभियंता अतुल कुमार पर निर्माण खंड बागपत एवं प्रांतीय खंड मेरठ के अधिशासी अभियंता का अतिरिक्त चार्ज था। मेरठ में अतुल कुमार लगभग एक साल पद पर रहा। मेरठ प्रांतीय खंड एक बड़ा डिवीज़न है। यहां पर करोडो रूपये के सड़क निर्माण के कार्य होते है। प्रांतीय खंड मेरठ में अधिशासी अभियंता का पद रिक्त होने पर 20 कदम की दूरी पर स्थित निर्माण खंड (भवन) का कार्यालय है। उसे भी प्रांतीय खंड का चार्ज दिया जा सकता था लेकिन अतुल कुमार ने अपना जुगाड़ फिट करके 2 खंडो का अधिशासी अभियंता होने के बावजूद प्रांतीय खंड मेरठ का चार्ज ले लिया। अतुल कुमार पर एक साथ 3 खण्डों का चार्ज मिलने पर विभाग में चर्चा का विषय बना रहा। इसके अतिरिक्त अतुल कुमार ने यहाँ खुलकर सरकारी पैसा खर्च किया। और महीनो तक यहाँ पर जमा रहा। इसके अतिरिक्त अतुल कुमार मीडिया से बचने के प्रयास में रहता था उसने मीडिया का फोन कभी नहीं उठाया वह केवल ठेकेदारों के फोन रिसीव करता था।

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