20 हज़ार की रिश्वत लेते दबोचा दारोगा विक्रम सिंह, पुलिस ने भेजा सलाख़ों के पीछे, दारोगा अर्चना शक्ति भी सस्पेंड

  • [By: Meerut Desk || 2024-09-23 14:01 IST
20 हज़ार की रिश्वत लेते दबोचा दारोगा विक्रम सिंह, पुलिस ने भेजा सलाख़ों के पीछे, दारोगा अर्चना शक्ति भी सस्पेंड

मेरठ: भावनपुर थाने के एक दारोगा को मुकदमे से नाम निकालने की एवज में रिश्वत लेना भारी पड़ गया। एंटी करप्शन ने पीड़ित की शिकायत पर आरोपी दारोगा को थाने के बाहर ही रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ दबोच लिया। दरोगा ने टीम के साथ हाथापाई करते हुए भागने की कोशिश की पर सफल नहीं हुए। इसके बाद एंटी करप्शन की टीम आरोपी दारोगा विक्रम सिंह को लेकर सिविल लाइन थाने में पहुंची। हालांकि पूछताछ करने पर पता चला कि 22 अगस्त को थाने में दर्ज हुए इस मुकदमे की विवेचना महिला दारोगा अर्चना कर रही थी। ग़ौरतलब है कि शनिवार को आरोपी दारोगा विक्रम सिंह ने पीड़ित को रिश्वत लेने के लिए थाने के बाहर बुलाया था। एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा ने आरोपी महिला विवेचक दारोगा अर्चना शक्ति को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 

अब्दुल्लापुर नई बस्ती में रहने वाले इमरान पुत्र साबिर ने एंटी करप्शन टीम को तीन दिन पहले शिकायत करते हुए बताया कि उसके खिलाफ मारपीट के मामले में भावनपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मुकदमे से नाम निकालने की एवज में दारोगा विक्रम सिंह उससे रिश्वत मांग रहे है, जबकि इसकी विवेचना दारोगा अर्चना शक्ति कर रही हैं। इसके बाद एंटी करप्शन के प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश सिंह ने योजना बनाकर पीड़ित इमरान को प्लान के हिसाब से शनिवार को रिश्वत के लिए केमिकल लगे 20 हजार रुपये देकर भेजा। इमरान ने दारोगा विक्रम सिंह को फोन किया, जिसमें दारोगा विक्रम सिंह ने उसे थाने के बाहर चाय की दुकान पर रुकने के लिए बोला। थोड़ी देर बाद दारोगा विक्रम सिंह भी रिश्वत लेने के लिए चाय की दुकान पर पहुंचा। पीड़ित इमरान ने बताया कि दारोगा ने उससे दो गवाहों के आधार कार्ड की फोटो स्टेट भी मंगाई थी। उसके अंदर रिश्वत के 20 हजार रुपये छिपाकर उसने दारोगा को दिए। जैसे ही दारोगा ने रिश्वत के पैसे पकड़े, तुरंत एंटी करप्शन की टीम आ धमकी। टीम को देखते ही दारोगा विक्रम सिंह के होश फाख्ता हो गए। उसने हाथ में पकड़े पैसों को फेंक दिया और भागने की कोशिश की। इस दौरान दारोगा विक्रम सिंह ने टीम के साथ हाथापाई भी की। लेकिन वह टीम के चुंगल से नहीं छूट सका।

पीड़ित इमरान ने बताया कि दारोगा को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कराने का विचार सोशल मीडिया पर वीडियो देखकर आया था। उसने बताया कि वह आए दिन सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो देखता था, जिसमें रिश्वतखोर अफसरों को एंटी करप्शन के गिरफ्तार किए जाने के समाचार आते थे। यहीं से उसमें साहस आया और उसने मेरठ एंटी करप्शन को दारोगा विक्रम सिंह की शिकायत की।

इमरान ने बताया कि उसके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे की महिला विवेचक दारोगा अर्चना शक्ति ने उसे अब्दुल्लापुर चौकी में बुलाकर 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी। इतने पैसे देने से इंकार करने पर 20 हजार रुपये में बात बनी थी। इमरान ने बताया कि दारोगा अर्चना शक्ति ने ही उसे दारोगा विक्रम सिंह से मिलने की बात कही थी। इसके बाद दरोगा विक्रम सिंह ने रिश्वत की रकम लेने के लिए उसे थाने के बाहर बुलाया था। शनिवार को वह एंटी करप्शन की योजना के अनुसार रिश्वत देने के लिए पहुंचा, जहां से दारोगा विक्रम सिंह को रंगेहाथ 20 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया।

खुद की पुलिस चौकी खोल दी दरोगा ने: दरोगा विक्रम सिंह ने अब्दुल्लापुर के हुसैनी चौक पर एक दुकान के अंदर अपना खुद का दफ़्तर खोल दिया था जिसे पुलिस चौैकी का रूप दे रखा था। आरोप है कि तमाम अवैध कार्यों और पैसे के लेनदेन की डीलिंग यहीं बैठकर होती थी। दारोगा विक्रम सिंह से हिस्ट्रीशीटर नदीम संग दोस्ती चर्चा मेें थी।

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