मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई जांच में सड़क फेल, ठेकेदार का भुगतान रूका, अब दोबारा बनी सड़क

  • [By: Meerut Desk || 2024-10-09 13:21 IST
मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई जांच में सड़क फेल, ठेकेदार का भुगतान रूका, अब दोबारा बनी सड़क

मेरठ। एक बात तो तय है कि यदि ठेकेदार निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर बेहद घटिया स्तर के नाली, खड़ंजे, पुलिया या सड़क बनाता है और कोई जिम्मेदारी नागरिक इसकी शिकायत नगर निगम के मुख्य अभियंता या नगरायुक्त से भी करता है तो ये तमाम अधिकारी कुछ नहीं करते और सिर्फ ठेकेदार का ही पक्ष लेते है। कई बार शिकायत करने वाले को डराया या धमकाया भी जाता है। ऐसा ही एक मामला नगर निगम के अंतर्गत आने वाले वार्ड संख्या-65 का है। ठेकेदार ने बेहद घटिया सीसी सड़क बना दी। आमजन ने नगरायुक्त और मुख्य अभियंता से शिकायत की तो ये अधिकारी कान और आंख बंद करके बैठ गए। अर्थात कुछ नहीं किया।

एशियन एक्सप्रेस ने इस खबर को प्रमुखकता से प्रकाशित किया था। 

इसके बाद जब शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंची और मंडलायुक्त के आदेश पर जाँच शुरू हुई तो नगर निगम के अधिकारियों की सांस अटक गई। सड़क-निर्माण में प्रयुक्त निर्माण सामग्री जाँच में फेल होने पर नगरायुक्त ने आनन-फानन ठेकेदार के भुगतान पर तुरंत रोक लगा दी। और ठेकेदार को दोबारा सड़क बनाने के आदेश दिए। इस प्रकार से घटिया निर्माण सामग्री से बनी सड़क को ठेकेदार ने दोबारा बनाया है। 

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क्या है पूरा मामला: दरअसल नगर निगम ने वार्ड-65 में अहमद रोड से खैरनगर को जोड़ने वाली अमीर रोड का इसी वर्ष सीसी रोड का निर्माण कार्य कराया गया था। करीब ढाई सौ मीटर लंबी इस सड़क निर्माण का ठेका सिवालखास निवासी आफताब चौहान को दिया गया था। ठेकेदार आफताब चौहान ने मई में इस सड़क का निर्माण किया और इसके निर्माण में बेहद घटिया निर्माण सामग्री लगाई गई। जिसके चलते नई बनी सड़क से सीमेंट और डस्ट उतरना शुरू हो गया। सड़क में से रोड़ी निकल कर फैल गई। धीरे-धीरे सड़क में कई गड्ढे हो गए। 

नगर निगम से की शिकायत, लेकिन कुछ नहीं हुआ: स्थानीय लोगों ने घटिया निर्माण सामग्री से बनी इस सड़क की शिकायत नगर निगम के अधिकारियों से की। लेकिन जाँच करने के स्थान पर निगम के अधिकारियों ने ठेकेदार का पक्ष लिया और निर्माण कार्य को सही ठहराया। 

निगम की शह पर शिकायतकर्ता को धमकी: इतना ही नहीं ठेकेदार ने क्षेत्रवासियों को शिकायत करने पर उसका कुछ न बिगड़ने और उलटा शिकायकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज होने तक की धमकी दी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और नगर निगम के पूर्व पार्षद अफजाल सैफी ने इस घटिया निर्माण की शिकायत नगर निगम के मुख्य अभियंता एवं नगरायुक्त से की। लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने कुछ नहीं किया। कुछ भी कार्यवाही नहीं होने पर अफजाल सैफी ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर एवं मंडलायुक्त से शिकायत की।

मंडलायुक्त ने तुरंत दिए जांच के आदेश: मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने तुरंत तत्कालीन नगरायुक्त को वार्ड-65 की उस सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराकर पन्द्रह दिन में उन्हें रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके बाद नगर निगम हरकत में आ गया। 

घटिया सामग्री से बनी सड़क की जाँच शुरू: इसके बाद मुख्य अभियंता निर्माण खंड ने इसकी जांच अवर अभियंता प्रवीन कुमार को सौंपी। प्रवीण कुमार जब जूता रखकर सड़क की किनारी पर खड़े हुए तो सड़क टूट गई। अवर अभियंता प्रवीन कुमार ने अपनी रिपोर्ट अभियंता को सौंप दी। और मुख्य अभियंता ने जाँच रिपोर्ट नगरायुक्त के सामने पेश कर दी। जाँच में सड़क फ़ैल हो जाने पर इसपर तत्कालीन नगरायुक्त अमित पाल शर्मा ने ठेकेदार आफताब चौहान को निर्माण की फाइनल रिपोर्ट पर रोक लगाने के साथ-साथ उसके भुगतान पर भी रोक लगा दी थी। 

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घटिया सड़क दोबारा बनाने के आदेश: भुगतान पर रोक लगाने के साथ-साथ नगरायुक्त ने ठेकेदार आफताब चौहान को गुणवत्ता के साथ सड़क को दोबारा बनाने का आदेश दिया। गत दो महीने बारिश के चलते सड़क निर्माण कार्य नहीं हो पाया था। अब ठेकेदार ने दोबारा सड़क निर्माण शुरू किया है। साबिर के घर से लेकर डा. एलए खान की क्लीनिक तक दोबारा पूरी सड़क का दोबारा निर्माण कार्य किया जा रहा है।

इस पूरे मामले से तो यही लगता है कि यह निर्माण नहीं भ्रष्टाचार का खेल है। और इस भ्रष्टाचार में ठेकेदार व नगर निगम के अधिकारी लिप्त हैं। जो शिकायत मिलने पर भी कुछ नहीं करते। यही वजह है कि बड़ी संख्या में लोग घटना निर्माण कार्य देखकर भी शिकायत नहीं करते। और इसी से भ्रष्ट तंत्र को बढ़ावा मिलता है। 

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