छतरी-पीर तिराहे से घंटाघर तक गड्ढों की भरमार, लोग हो रहे चोटिल, पीडब्ल्यूडी गहरी नींद में सोया

  • [By: Meerut Desk || 2024-09-25 13:52 IST
छतरी-पीर तिराहे से घंटाघर तक गड्ढों की भरमार, लोग हो रहे चोटिल, पीडब्ल्यूडी गहरी नींद में सोया

छतरी- पीर तिराहे से घंटाघर चौराहे तक सड़क की हालत दयनीय। डेढ़ माह में नाले को नहीं जोड़ पाया पीडब्ल्यूडी। भ्रष्टाचार के चलते अधिशासी अभियंता ठेकेदार से समय पर और अच्छी गुणवत्ता का कार्य कराने में पूरी तरह से नाकाम।

मेरठ। कई सालों से छतरी वाले पीर से घंटाघर और कोटला होते हुए किशनपुरा नाले तक सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। ठेकेदार दो-तीन काम करता है फिर अपने मजदूरों/कर्मचारियों को दूसरे निर्माण स्थल पर भेज देता है। जिसके चलते निविदा बांड में लिखित निर्माण कार्य की समय सीमा भी महीनो पहले पूरी हो चुकी है। 

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पीडब्ल्यूडी अधिकारी कुछ नहीं करते: लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड मेरठ के अधिशासी अभियंता ठेकेदार से मिलने वाले मोटे कमीशन के चलते समय पर और गुणवत्त वाला कार्य कराने में पूरी तरह से नाकाम है। जिसके चलते क्षेत्र की जनता नरक की जिंदगी जीने के लिए मजबूर है। यहां के व्यापारियों का धंधा चौपट हो चूका है। एशियन एक्सप्रेस ने कई बार आम जनता की परेशानी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता सतेंद्र सिंह के कानों पर जूं तक नहीं रेगी। यहाँ के लोगों के कई बार धरना प्रदर्शन किया लेकिन अधिशासी अभियंता एक बार भी अपने एयर कंडिशन्ड ऑफिस से निकल इस निर्माण स्थल की साइट पर नहीं पहुंचा।

सड़क के गड्ढों से लोग हो रहे चोटिल: छतरी वाले पीर तिराहे से लेकर घंटाघर चौराहे तक अहमद रोड पर गड्ढों की भरमार से लोग परेशान हैं। यहां गड्ढों के कारण दुपहिया वाहन और ईरिक्शा सवार लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। सड़क पर गड्ढे इसलिए नहीं भरे जा रहे कि छतरी वाले पीर तिराहे पर नाले को अहमद रोड के नाले से जोड़ा जाना है। इसके लिए नाले के ऊपर जो दुकानें बनी थी। उन दुकानों को तोड़ दिया गया है। लेकिन पीडब्ल्यूडी के नाकाम अधिकारी नाले को नहीं जुड़वा पाए। मेन रोड होने के कारण इस रोड पर रात दिन ट्रैफिक चलता है, लेकिन यह बात लोक निर्माण विभाग के अधिकारी नहीं समझते। गड्ढों के कारण आये दिन दुपहिया वाहन और ईरिक्शाएं गिर जाती हैं और उसमें सवार लोग चोटिल होते हैं। नगर निगम ने गत राम रहीम फूल वाले समेत पांच व्यापारियों की दुकानों को नाले के ऊपर बना होने के कारण तोड़ दिया। लेकिन इस नाले को अहमद रोड के नाले से जोड़ने की जहमत नहीं की। इसका खमियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत वाजपेई के प्रयास से उत्तर प्रदेश शासन ने छतरी वाले पीर तिराहे से कृष्णपुरी तिराहे तक नालों को ढककर उसपर सड़क निर्माण करके सड़क का चौड़ीकरण करने के प्रस्ताव को पास किया गया था। इसके निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई। दो वर्ष पूर्व नालें का निर्माण शुरू किया गया। छतरी वाले पीर तिराहे से लेकर कृष्णपुरी तक नाले को लिंटर डालकर ढक दिया गया। छतरी पीर से लेकर घंटाघर तक दोनों ओर नाले हैं। यहां एक ओर के नाले को ढक दिया गया, जबकि जिला महिला अस्पताल व जिला अस्पताल के आगे के नाले में ह्यूम पाइप डालकर उसे पाट दिया गया। ठेकेदार ने पीर तिराहे से लेकर घंटाघर तक सड़क निर्माण नहीं किया, जबकि घंटाघर से लेकर कृष्णपुरी तक सीसी रोड का निर्माण कार्य चल रहा है। छतरी पीर तिराहे और घंटाघर पर गड्ढों की भरमार हो रही है। इस रोड पर रोजाना हजारों मरीज इलाज कराने जिला अस्पताल और जिला महिला अस्पताल आते हैं।

पीडब्ल्यूडी अधिशासी अभियंता शासन को भी कर रहे गुमराह: प्यारेलाल शर्मा महिला अस्पताल के सामने नै बनी सड़क में गड्ढों की भरमार है। पीडब्ल्यूडी लखनऊ विभागीय व्हाट्सप्प नंबर पर इन गड्ढों की वीडियो डालकर शिकायत की गई। लेकिन प्रांतीय खंड मेरठ ने झूठी रिपोर्ट भेज दी कि उक्त गड्ढों की मरम्मत हो गई हैं। 

लेकिन अगले ही दिन हमारे संवाददाता ने उसी स्थल का दौरा किया कि क्या वास्तव में गड्ढों की मरम्मत हो गई है या नहीं। लेकिन वहा पहले से बड़ा गड्ढा बना हुआ था। यानी प्रांतीय खंड मेरठ ने शासन को भी झूठी रिपोर्ट भेजी। उसी दिन उस गड्ढे की वीडियों पुनः पीडब्ल्यूडी लखनऊ विभागीय व्हाट्सप्प नंबर अपलोड किया गया और लोकनिर्माण विभाग लखनऊ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सोशल मीडिया ट्विटर पर टैग करके शिकायत की गई। 


शासन की परियोजनाओं को समय पर पूरा कराने में पूरी तरह नाकाम पीडब्लूडी अधिशासी अभियंता सतेंद्र कुमार।

मेरठ। दो साल से अधिक हो गए लेकिन पीडब्लूडी अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से कोटला बाज़ार का व्यापार और कोटला निवासियों की जिंदगी नर्क बनकर रह गई है। पीडब्लूडी के नाकाम अधिकारियों के चलते ठेकेदार ने सड़क पर निर्माण सामग्री फैला रखी है। स्कूटर-बाइक रोड़ी पर फिसल कर गिर रहे है। लोग चोटिल हो रहे है। दो दिन काम करके ठेकेदार काम बंद कर देता है। क्योंकि ठेकेदार के पास कई और निर्माण ठेके है। मजदूरों को दूसरे निर्माण स्थल पर भेज देता है। कोटला व्यापार संघ और निवासियों ने कई बार लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड में अधिशासी अभियंता से शिकायत की लेकिन अधिशासी अभियंता काम जल्द पूरा करवाने का जूठा वादा कर देते है। होता कुछ नहीं। बरसात के चलते कोटला बाजार में जिंदगी नर्क से भी बदतर हो जाती है। कोई कहने सुनने वाला नहीं।इतना ही नहीं समय पर कार्य पूरा नहीं करने पर भी लोक निर्माण विभाग ने सम्बंधित ठेकेदार को ना तो कोई नोटिस दिया है और न ही कोई पेनेल्टी लगाई है। ठेकेदार अपनी मर्जी से काम करता है। अधिशासी अभियंता खामोश बैठे है। 

निर्माण सामग्री की भी जांच जरुरी: लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड मेरठ के अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार निर्माण सामग्री भी घटिया स्तर की प्रयोग कर रहा है। नाला पाटने के लिए डाले जा रहे लिंटर में भी लोहे के सरिये की मोटाई भी कम है। उच्च स्तरीय जाँच होनी चाहिए। 

तानाशाही अधिकारी: लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड में अधिशासी अभियंता सत्येंद्र कुमार न तो समय पर ऑफिस आते है और न ही जनता और मीडिया का फोन उठाते है। परेशान लोग अधिशासी अभियंता को ऑफिस में न पाकर वापस लौट जाते है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश है कि अधिकारी सुबह 10 से 12 बजे तक अपने ऑफिस में बैठे और जनता की शिकायतों का सही तरीके से निवारण करें। लेकिन अधिशासी अभियंता सत्येंद्र कुमार पर मुख्यमंत्री के आदेश का कोई फर्क नहीं पड़ता। वह एक अहंकारी तानाशाह की तरह से व्यवहार करते है। वास्तव में अधिशासी अभियंता सतेंद्र सिंह पद पर रहने योग्य नहीं है। 

शासन की परियोजनाओं को समय पर पूरा कराने में पूरी तरह नाकाम अधिशासी अभियंता: लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता सतेंद्र कुमार अपने एयरकंडीशंड केबिन से बाहर निकलना ही नहीं चाहते। जिस दिन से सतेंद्र कुमार ने प्रांतीय खंड में चार्ज लिया है, एक साल से अधिक हो गया एक बार भी अपने विभाग को जाकर नहीं देखा। कर्मचारी समय पर ऑफिस में उपलब्ध है अथवा नहीं। किसी कर्मचारी को कोई परेशानी तो नहीं। अधिशासी अभियंता को कोई मतलब नहीं। यही वजह है कि अधिशासी अभियंता ने कभी निर्माण कार्य की समय सीमा समाप्त होने के बाद लंबित पड़े कार्य को भौतिक रूप से जाकर एक बार देखा भी नहीं। शासन की कई परियोजनाएं है जो समय से पूरी नहीं हो पा रही है। उस सड़क पर से गुजरने वाली आम जनता परेशान है। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं। 

सभी अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया: समय से पूरा नहीं होने वाले निर्माण कार्यों की जानकारी के लिए हमारे संवाददाता ने जब लोक निर्माण खंड प्रांतीय खंड मेरठ के सहायक अभियंता (इंचार्ज हेड क्वार्टर), अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद एवं मुख्य अभियंता एसएल गुप्ता से बात की तो सभी ने हमारे पास यह जानकारी उपलब्ध नहीं है, कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया। 

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