घटिया क्वालिटी की नई केबल फुंकने से जल रहे ट्रांसफार्मर

  • [By: PK Verma || 2024-06-07 18:01 IST
घटिया क्वालिटी की नई केबल फुंकने से जल रहे ट्रांसफार्मर

मेरठ। शहर में इन दिनों बिजली की अच्छी और भरपूर आपूर्ति के लिए पुराना केबल हटाकर नया केबल लगाया जा रहा है। लेकिन जब से नया केबल जोकि घटिया क्वालिटी का है, लगाया जा रहा है रोजाना कही न कहीं नए केबल में आग लग रही है जिसके चलते ट्रांसफार्मर्स फुंक रहे है। बिजली विभाग के अधिकारी ऑंखें मूंदकर बैठे है। क्या यह एक स्कैम है, घोटाला है? ट्रांसफार्मर्स फुँकने पर उसकी मरम्मत में लाखों रूपये का बिल तैयार होता है जिसमे बंदरबाट होती है। 

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दरअसल केंद्र सरकार की आरडीएसएस स्कीम के तहत शहर में बिजली सुदृसुढ़ीकरण कार्यों की सुस्त गति से हो रहे कार्य के चलते भीषण गर्मी में बिजली संकट का सबब बनी है। कई कई घंटे बिजली गायब रहती है। ताज्जुब की बात है कि ठेकेदार कंपनी सालासर टेक्नो इंजीनियरिंगरिं लिमिटेड को बिजली अधिकारियों ने जिन क्षेत्रों में खराब स्थिति देखकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य कराने को कहा था, वहां पर दूसरा वित्तीय वर्ष चालू होने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है। लेकिन बिजली अधिकारी चुप बैठे है। इसके साथ ही इलाकों में नया केबल लगाया गया है, वह आए दिन जल रहा है। टूट रहा है।  जिसके चलते रोजाना घंटों बिजली आपूर्ति बंद रहती है। 

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ठेकेदार कंपनी सालासर टेक्नो इंजीनियरिंगरिं लिमिटेड द्वारा लगाए जा रहा नया केबल पतला और घटिया क्वालिटी का है। जबकि पुराना केबल ही अच्छा था। जब तक पुराना केबल लगा हुआ था केबल में आग लगने और ट्रांसफार्मर्स में आग लगने की घटनाएं कम थी। लेकिन जब से नए केबल लगाए गए है तभी से रोजाना केबल में आग लग रही है और ट्रांसफार्मर्स फुंक रहे है। जले हुए ट्रांसफार्मर्स की मरम्मत में लाखों रूपये के बिल तैयार हो जाते है। 
 
उक्त प्रकरण में कार्यदायी संस्था सालासर टेक्नो इंजीनियरिंगरिं लिमिटेड को अधिशासी अभियंता प्रथम और एसडीओ चतुर्थ सिविल लाइन ने नोटिस भेजा है। दरअसल नया केबल गुणवत्ता मानक अनुरूप नहीं मिलने पर अधिशासी अभियंता सुधांशु श्रीवास्तव ने आरडीएसएस स्कीम के कार्य करने वाली कार्यदायी संस्था सालासर टेक्नो इंजीनियरिंगरिं लिमिटेड को पत्र लिखा था। इसमें केबल का रेंडम सैंपल सील कराकर जांच के लिए भिजवाने को कहा था। अब अधिशासी अभियंता प्रथम महेश कुमार ने कार्यदायी संस्था को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि आरडीएसएस योजना के तहत प्रथम डिवीजन के तहत कराए जाने वाले कार्यों का सर्वे पूरा कराए काफी समय बीत चुका है, लेकिन इस डिवीजन में बिजली सुदृसुढ़ीकरण के कार्य नहीं कराए जा रहे। अधिशासी अभियंता ने कहा कि ठेकेदार कंपनी उच्च गुणवत्ता का केबल डाले। अधिशासी अभियंता प्रथम ने कार्यदायी संस्था को पत्र लिखकर कहा है:

"सुभाष बाजार, कोतवाली से खंदक पुल, घंटाघर, सर्राफा बाजार, खैरनगर, जलीकोठी, कागजी बाजार, नील की गली, शीश महल, टीपीनगर, रेलवे रोड आदि क्षेत्रों में एलटी एबी केबल बदलने का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया। कार्यदायी संस्था सालासर टेक्नो इंजीनियरिंगरिं लिमिटेड को आरडीएसएस योजना के तहत इन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता की एलटी एबीसी बदलने का कार्य अविलंब शुरू कराने को कहा है।

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एसडीओ सिविल लाइन ने भी भेजा नोटिस: एसडीओ चतुर्थ सिविल लाइन राजकुमार ने सालासर टेक्नो इंजीनियरिंगरिं लिमिटेड को पत्र लिखा है। इसमें कहा कि नई केबल जलकर गिर रही है। जिससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। केबल की गुणवत्ता काफी ज्यादा खराब होने के कारण बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। ट्रांसफार्मर की केबल गुणवत्ता खराब होने से क्षतिग्रस्तता की वसूली को भी लिखा है। दूसरी ओर, अधीक्षण अभियंता शहर राजेंद्र बहादुर ने कंपनी के प्रतिनिधियों को निर्देशित कर अधिकारियों द्वारा जिन इलाकों की सूची उपलब्ध कराई है, वहां प्राथमिकता के आधार पर आरडीएसएस स्कीम के तहत बिजली सदृढ़ीकरण के कार्य कराने के निर्देश दिए हैं।

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समाजसेवी आदेश त्यागी ने घटिया क्वालिटी के केबल लगाने और भुगतान हो चुके बिलों की उच्च स्तरीय जाँच कराने के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की है। अपनी शिकायत में आदेश त्यागी ने यह भी कहा है कि:

"इस घोटाले में शामिल सम्बंधित अधिकारियों से ख़िलाफ़ भी कड़ी कार्यवाही की जाये और घटिया क्वालिटी का केबल लगाने वाली कंपनी सालासर टेक्नो इंजीनियरिंगरिं लिमिटेड को तुरंत ब्लैकलिस्ट करना चाहिए और विभाग को ट्रांसफार्मर्स के फुंकने से जो करोड़ों रूपये का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई होनी चाहिए।

एशियन एक्सप्रेस की ख़बर का असर : दरअसल योगी सरकार और विभागीय सख़्ती के बावजूद कई छोटे-बड़े अधिकारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। बिजली संकट में जहां जनता परेशान है ये अधिकारी अपने एयर-कंडिशन्ड कमरों से बाहर नहीं निकलते। चाहे कितना बड़ा बिजली फाल्ट हो। या कहीं ट्रांसफार्मर फूँक गया है। जनता चाहे कितनी ही परेशान हो जाये। इन अधिकारियों पर कुछ फ़र्क नहीं पड़ता। बिजली सटडाउन हो या कोई और खराबी आम जनता और मीडियाकर्मी का भी फ़ोन नहीं उठाते। पिछले दिनों ब्रह्मपुरी क्षेत्र में कई दिनों तक बिजली संकट रहा। एक बार वोल्ट्स बहुत तेज आने पर कई घरों में लोगों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ख़राब हो गए। एशियन एक्सप्रेस संवाददाता ने कई बार अधिशासी अभियंता पंचम, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता को इस बाबत फोन किया। लेकिन किसी भी अधिकारी ने फोन नहीं उठाया। इतना ही नहीं अवर अभियंता शारदा रोड बिजलीघर तो अपना फोन बंद कर लेता है या पहुँच से बाहर दिखाता है। फोन उठाना तो बहुत बड़ी बात है। इस तरह के अधिकारी और कर्मचारी अपने में ही मस्त रहते है। उन्हें जनता की परेशानी से कोई सरोकार नहीं। 

एशियन एक्सप्रेस संवाददाता ने उपरोक्त अधिकारियों के लापरवाही और उदासीन व्यवहार की शिकायत पश्चिमी विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन से की। प्रबंध निदेशक के पास तीन अन्य अधिशासी अभियंताओं की भी लगातार शिकायतें पहुँच रही थी। अतः अभद्रता, लापरवाही, लोगों के और मीडिया के फ़ोन नहीं उठाने पर विद्युत नगरीय वितरण खंड पंचम के अधिशासी अभियंता मनोज अग्रवाल समेत चार अधिशासी अभियंता निलंबित कर दिए गए। मनोज अग्रवाल पर अपने कार्य में उदासीनता बरतने और फोन नहीं उठाने का आरोप था। इसी के साथ वितरण खंड द्वितीय मवाना के अधिशासी अभियंता महेश चंद्र विश्वकर्मा पर भी उपभोक्ताओं से अभद्र व्यवहार की शिकायतें मिला रही थी। बड़ौत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता कृष्णपाल पर अनुपस्थित रहने की शिकायतें मिल रही थी। वितरण खंड चंदौसी के अधिशासी अभियंता सुशील कुमार पांडेय पर ट्रिपिंग फ्री बिजली आपूर्ति नहीं करने का आरोप था। 

उपरोक्त चारो अधिशासी अभियंताओं की लगातार मिल रही शिकायतों के आधार पर पश्चिमी विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक ईशा दुहन ने इन चारो अधिशासी अभियंताओं: मनोज अग्रवाल, महेश चंद्र विश्वकर्मा, कृष्णपाल और सुशील कुमार पांडेय को ससपेंड कर दिया। 

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