लिंग परिवर्तन कराकर लड़की बन गए दो लड़के

  • [By: Meerut Desk || 2022-07-06 13:11 IST
लिंग परिवर्तन कराकर लड़की बन गए दो लड़के
मेरठ। शहर के प्रसिद्ध एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में डॉक्टरों की टीम ने चमत्कार कर दिखाया। कुदरत ने जिन्हे लड़का बनाकर पैदा किया।  डॉक्टरों ने उन्हें सर्जरी से लड़की बना दिया। मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ सर्जन डॉ. सुधीर राठी और उनकी टीम ने दो युवकों को सर्जरी कर लड़की बनाया है। डॉ. सुधीर राठी ने दावा किया कि पश्चिमी यूपी के मेडिकल कॉलेज में पहली बार नई तकनीक से पुरुष से महिला बनाने के लिए सर्जरी की गई है, जो करीब 4 घंटे चली। सर्जरी कराने वालों में से एक मुजफ्फरनगर जिले से है और दूसरे का घर बिजनौर जिले में है। एक की अस्पताल से छुट्टी हो चुकी है, जबकि दूसरा अस्पताल में भर्ती है। दोनों की आयु क्रमश: 18 और 19 वर्ष है। सर्जरी करने वाले प्लास्टिक सर्जन डॉ भानु प्रताप सिंह एवं डॉ कनिका सिंगला ने बताया कि पिछले चार माह से लड़की की हार्मोनल दवाइयां और मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग चल रही थी। दवाइयों से मर्दों जैसी आवाज और दाढ़ी आएगी। यह दवाइयां बाद में भी खानी पड़ेंगी। सर्जरी के लिए सर्जन डॉ सुधीर राठी और डा. धीरज राज समेत कई अन्य विशेषज्ञों का पैनल बनाया गया। इसके बाद बाएं हाथ से मोटी खाल निकालकर आठ घंटे के आपरेशन के बाद पतली नसों को जोड़कर लिंग रोपण कर दिया गया। इस सर्जरी और इलाज में करीब 40 हजार रुपये का खर्च आया। निजी अस्पताल में यह सर्जरी कराने पर पांच से छह लाख रुपये खर्च आता है। जानकारी के अनुसार एक लड़की हिंदू तो दूसरी मुस्लिम धर्म को मानने वाली है। इनके परिवार को जब इनकी परेशानी का पता चला तो इन्होंने मेरठ मेडिकल कॉलेज में संपर्क किया और जिसके बाद उन्होंने और उनकी टीम ने प्रशासन से अनुमति की प्रक्रिया पूरी कर यह सर्जरी की। 
 
 
विभागाध्यक्ष, सर्जरी विभाग, मेडिकल कॉलेज, डॉ. सुधीर राठी ने बताया, "दोनों लड़कों के क्रोमोसोम भले ही पुरुषो वाले मिले, लेकिन इनमे लड़कियों के लक्षण अधिक थे। ऐसे मरीजों में संतान उत्पन्न करने की क्षमता नहीं होती है। पहले दोनों के परिवार से सहमति ली गई। इसके बाद उच्चस्तरीय चिकित्सा पद्यति से लिंग प्रत्यारोपण करते हुए दोनों को लड़की बनाया गया। लड़कों से लड़की बनने के बाद ये शादी कर सकती हैं, पर संतानोत्पत्ति नहीं हो पाएगी। लड़कियों में एक्सएक्स क्रोमोसोम होते हैं, जबकि लड़कों में एक्सवाई क्रोमोसोम। सर्जरी में बड़ी आंत का इस्तेमाल वैजाइना बनाने के लिए किया गया है। यह प्रक्रिया सिग्मॉइड वैजिनोप्लास्टी के रूप में जानी जाती है। "
 
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने कहा, "मेरठ सिटी में रहने वाले इस परिवार ने सहमति के बाद इसकी कानूनी प्रक्रिया पूरी की। एक साल पहले प्रशासन से अनुमति ली गई। इस परिवार में पांच लड़कियां थीं, इसलिए परिवार ने सबसे बड़ी बेटी को लड़का बनाने का निर्णय लिया। बताया कि वह शुरू से रहती भी लड़कों की तरह ही थी। इनका लक्ष्य परिवार में बेटे और भाई की कमी को पूरा करना है। हालांकि इससे संतानोत्पत्ति नहीं हो पाएगी।"  

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