बसपा को छोड़कर रालोद में शामिल हुए सांसद मलूक नागर

  • [By: PK Verma || 2024-04-11 14:53 IST
बसपा को छोड़कर रालोद में शामिल हुए सांसद मलूक नागर

मेरठ। जैसे ही लोकसभा या विधानसभा जैसे चुनावों की घोषणा होती है वैसी ही अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु कई नेता उस राजनीतिक दल को छोड़कर भविष्य की संभावनाएं वाले राजनीतिक दल में शामिल हो जाते है। और दल छोड़ते समय अपने उस पुराने दल की जमकर बुराई और आलोचना करते है जिस दल से उन्हें पहचान मिली थी। यही भारत की राजनीति है। जैसे कुछ समय पूर्व भाजपा और नरेंद्र मोदी को जमकर कोसने आलोचना करने वाले जयंत चौधरी  अहसास हुआ कि कही पिछले लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी जीरो पर ना आउट हो जाये, जयंत ने तुरंत भाजपा से हाथ मिला लिया और एनडीए का हिस्सा बन गए। रिटर्न गिफ़्ट में दो लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश में एक मंत्री पद मिला और एक एमएलसी सीट पक्की। इसी का मौका देखकर बसपा सांसद मलूक नागर ने हवा का रुख देखते हुए रालोद में एंट्री मार दी। 

आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहां बसपा सांसद मलूक नागर ने बहुजन समाज पार्टी का साथ छोड़ राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया है। मलूक नगर ने गुरुवार को दिल्ली स्थित जयंत चौधरी के आवास पर पहुंचकर रालोद की सदस्यता ले ली। ग़ौरतलब है कि मलूक नागर लगभग 18 साल बहुजन समाज पार्टी में रहे है। 

बिजनौर से बहुजन समाज पार्टी के सासंद मलूक नागर ने किसानों के मसीहा कहे जाने वाले चौधरी चरण सिंह और किसान नेता रहे महेंद्र सिंह टिकैत को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाई थी। इनके अलावा उन्होंने कहा था कि बहुजन महानायक कांशीराम, स्वतंत्रता सेनानी विजय पथिक और कांग्रेस नेता राजेश पायलट को भी भारत रत्न दिया जाए। आपको बता दें कि जयंत चौधरी के एनडीए में जाने के बाद और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद वह जयंत चौधरी को बधाई देने भी गए थे। इसके बाद से ही अनुमान लगाए जा रहे थे कि मलूक नागर रालोद में शामिल हो सकते हैं। 

सांसद मलूक नागर ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौपने के बाद दिल्ली रवाना हुए और रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के आवास पर जयंत की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। इस बार बहुजन समाज पार्टी ने मलूक नागर को बिजनौर से टिकट नहीं देकर जाट चेहरे बिजेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। रालोद में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मलूक नागर ने कहा कि जब मैं सांसद बना था कि राष्ट्रिय लोकदल, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने बड़ी भूमिका निभाई थी। खासतौर पर जयंत चौधरी का का नाम लेते हुए मलूक ने कहा कि रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी का इसमें अहम योगदान था। 

जहाँ अन्य नेता अपनी पुरानी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में जाते समय बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी उस पुरानी पार्टी को कोसते है, आलोचना करते है , बुराई करते है और ऐसा व्यव्हार करते है कि जैसे पुरानी पार्टी छोड़कर उन्हें मोक्ष मिल गया हो जबकि पुरानी पार्टी से ही उन्हें पहचान, विधायक या सांसद और मंत्रिपद मिलता है। इस अहसान को वे पूरी तरह से भुला देते है। लेकिन मलूक नागर एक ऐसे नेता है जिन्होंने बसपा से त्यागपत्र देते समय मायावती की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया। 

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