मृत पड़ी बसपा में जान डालने वाले आकाश आनंद को मायावती ने किया ख़ामोश 

  • [By: PK Verma || 2024-05-08 15:41 IST
मृत पड़ी बसपा में जान डालने वाले आकाश आनंद को मायावती ने किया ख़ामोश 

मायावती ने आकाश आनंद से वापस लिया राजनीतिक उत्तराधिकार

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रिय अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे और बसपा के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से हटा दिया है। इतना ही नहीं मायावती ने आकाश आनंद को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने का निर्णय भी वापस ले लिया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की रैली में आकाश आनंद जमकर भारतीय जनता पार्टी पर आग उगल रहे थे। आकाश ने भाजपा की सरकार को आतंकवादियों की सरकार भी कहा और उन्हें जूता मारने की भी जनता से बात कही। जानकारी के अनुसार जिस तरह से आकाश आनंद बसपा प्रत्याशियों की चुनावी जनसभाओं में आक्रामकता दिखाते हुए मोदी-योगी सरकार पर तीखे हमले कर रहे थे उनके शब्दों के चयन पर मायावती नाराज़ थी। 

मायावती का कहना है कि बसपा व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक आकाश आनंद को दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है। आकाश आनंद के पिता आनंद कुमार पहले की तरह पार्टी में अपनी जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। ग़ौरतलब है कि मायावती के भाई आनन्द कुमार बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।

मायावती ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार आकाश आनंद को बसपा का नेशनल कोऑर्डिनेटर यानि राष्ट्रीय समन्वयक का दायित्व सौंपा था। लंदन से एमबीए की डिग्री लेने वाले आकाश आनंद वैसे तो नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाए जाने के बाद से ही दूसरे राज्यों में सक्रिय थे, लेकिन मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित होने के बाद से उनकी सक्रियता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई थी। आकाश आनंद को राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाए जाने के साथ ही मायावती ने उन्हें उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के बाहर पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। लोकसभा चुनाव 2024 में आकाश की उत्तर प्रदेश में भी बहुत सक्रियता दिखी। चुनावी रैलियों में अकाशा आनंद स्टार प्रचारक की तरह से चमके और राजनीति के आसमान पर छा गए। आकाश आनंद को अचानक दोनों जिम्मेदारियों से हटाने के पीछे तमाम तरह की चर्चा है लेकिन माना जा रहा है कि जिस तरह से वह पार्टी प्रत्याशियों की चुनावी जनसभाओं में आक्रामकता दिखाते हुए मोदी-योगी सरकार पर तीखे हमले कर रहे थे, उनके शब्दों के चयन पर बसपा प्रमुख नाराज थी। पार्टी के नेताओं का कहना है कि बहन जी विपक्ष पर भी हमला बोलते वक्त भी राजनीतिक शुचिता का पूरा ध्यान रखती हैं, लेकिन छह अप्रैल से प्रदेश में चुनावी जनसभाएं कर रहे आकाश अपने भाषण में जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे, उससे मायावती असहज महसूस कर रही थी।

रैलियां रद्द कर आकाश को दिल्ली भेजा। बताया जाता है कि आकाश को भाषा में संयम बरतने के लिए कहा भी गया, लेकिन वह नहीं रुके। ऐसे में मायावती की नाराजगी तब बढ़ गई जब उन्होंने आकाश आनंद को सीतापुर की रैली में प्रदेश सरकार को गद्दारों और आतंकवादियों की सरकार बताने से लेकर जूता मारने जैसी भाषा सुनी। आकाश आनंद के दिए गए भाषण को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए उनके साथ ही पार्टी के चार लोकसभा प्रत्याशियों पर भी एफआईआर दर्ज होने के बाद तो मायावती ने उनकी सभी रैलियां ही रद्द कर दी। आकाश को प्रदेश से बाहर नई दिल्ली भेज दिया।

मंगलवार रात मायावती ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर एक के बाद एक तीन ट्वीट कर आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाने की संबंधी पांच माह पुरानी घोषणा को वापस लेने की जानकारी दी। 

ग़ौरतलब है कि बहुजन समाज को लेकर डॉ. आंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कांशीराम की राजनीतिक विरासत संभालने वाली मायावती ने पिछले वर्ष 10 दिसंबर को अपने छोटे भाई आनंद कुमार के 29 वर्षीय बेटे आकाश को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी बनाए जाने की घोषणा की थी।

लेकिन सोशल मीडिया पर मायावती के इस फ़ैसले की तीखी आलोचना हो रही है। कई लोगों ने कहा कि मायावती ने अपनी पार्टी को बीजेपी के पास गिरवी रख दिया है। मायावती ने बसपा को ख़त्म कर दिया है। मायावती दलितों से वोट लेकर बीजेपी के इशारों पर काम करती है। 

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