एशियन एक्सप्रेस की वेबसाइट व मोबाइल ऐप लॉन्च से मेरे दादाजी का सपना पूरा हुआ: लिपिका वर्मा

  • [By: LIPIKA VERMA || Aug 11, 2021 13:45 PM IST
एशियन एक्सप्रेस की वेबसाइट व मोबाइल ऐप लॉन्च से मेरे दादाजी का सपना पूरा हुआ: लिपिका वर्मा

मेरठ। सितम्बर 2004 को स्वतंत्रता सेनानी, गांधीवादी विचारक तथा संपादक दौलतराम साहेब द्वारा स्थापित, प्रकाशित व संपादित भारत के लोकप्रिय हिंदी समाचार-पत्र एशियन एक्सप्रेस अब नए रूप और नए कंटेंट के साथ 27 सितम्बर 2019 से ऑनलाइन www.asianexpresslive.com भी उपलब्ध होगा, क्योंकि आने वाला समय डिजिटल इंडिया का होगा। राजनीतिक गलियारों का लोकप्रिय अख़बार एशियन एक्सप्रेस अब एजूकेशन एंड कैरियर की टैगलाइन के साथ देश के युवाओं को अच्छी शिक्षा व उनके शानदार भविष्य को दिशा देने के लिए एवम उनके करियर के लिए बेहतरीन मार्गदर्शन उपलब्ध कराएगा। शिक्षित राष्ट्र के दौलतराम साहेब के सपने को पूरा करने का जिम्मा अब उनकी पौत्री लिपिका वर्मा ने संभाला है। www.asianexpresslive.com आज दुनियाभर में ऑनलाइन पढ़ा जा रहा है। इसके अतिरिक्त एशियन एक्सप्रेस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर भी उपलब्ध है।

स्वतंत्रता सेनानी, गांधीवादी, निर्भीक एवं निष्पक्ष पत्रकार, पूरी जिंदगी अपनी शर्तों एवं उसूलों पर जीने वाले, मजलूमों के हक़ की लड़ाई लड़ने वाले, महान आध्यात्मिक उपदेशक, समाजसेवी, जानवरों, पक्षियों की सालो से सेवा करने वाले, सैकड़ों-हजारों लोगों की मदद करने वाले, यशश्वी, तेजस्वी, सौम्य, सुन्दर, कर्मठ, अहिंसा के अग्रदूत, पर्यावरणविद एवं शिक्षाचिंतक दौलतराम साहेब (21 जून 1925 – 5 दिसंबर 2020) पत्रकरिता को सर्वोच्च शिखर पर ले गए। उन्होंने हमेशा निर्भीक एवम् निष्पक्ष पत्रकारिता की विचारधारा पर काम किया। अपनी शर्तो पर जीवन जीने वाले दौलतराम साहेब कभी भी किसी से डरे नही, कभी भी झुके नहीं। सिद्धांतों से उन्होंने कभी समझौता नहीं किया। अपने भरे-पूरे परिवार एवं कुटुंब में उनकी पहचान अलग ही रही। एकदम बेबाक एवं सत्यप्रेमी। 70 के दशक में वह अपनी पत्रकारिता से बड़े-बड़े धन्नासेठ एवं दुरन्धरों की पेशानी पर पसीना ला देते थे। लालच एवं धमकी उन्हें रत्ती भर भी डिगा नहीं पाई।
 
‘प्रेमवतीदेवी दौलतराम एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी’ के चेयरमैन के रूप में भी कार्य करते हुए दौलतराम जी निर्धन छात्र-छात्राओं, बेसहारा लोगों एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए सदैव तैयार रहते थे। उन्होंने हजारों जरूरतमंदों की अपनी जेब से मदद की। बिना सरकारी-गैरसरकारी सहायता लिए वह लोगों सहायता करते रहे। अनगिनत गरीब लड़कियों की शादी करवाने में उन्होंने मदद की।
 
आजादी की लड़ाई में भी युवा दौलतराम साहेब ने बढ़चढ़ हिस्सा लिया। उन्होंने एक अध्यापक से पढ़ने से इसलिए इंकार करते हुए स्कूल छोड़ दिया क्योंकि वह अध्यापक एक अंग्रेज मिशिनरी था। उसके बाद उन्होंने बिना स्कूल गए ही अपनी पढ़ाई जारी रखी। महात्मा गाँधी से प्रभावित दौलतराम साहेब आजादी की लड़ाई में कूद गए एवं आंदोलनों के दौरान कई बार लाठियां खाई। लेकिन वह डरे नहीं कभी झुके नहीं। 
 
दौलतराम साहेब ने एशियन एक्सप्रेस साप्ताहिक हिंदी अख़बार की स्थापना 2004 में की थी। अख़बार का पहला अंक 27 सितंबर 2004 को प्रकाशित हुआ था तथा इसका विमोचन एक बहुत शानदार समारोह में किया गया था। तमाम वीआईपी और वीवीआईपी लोगों की उपस्थिति में एशियन एक्सप्रेस के प्रथम अंक का श्रीगणेश किया गया। उसी दिन दो दर्जन लोगो को सिटीजन ऑफ द वर्ल्ड गौरव अवार्ड 2003 से सम्मानित किया गया। समाचार-पत्र के प्रकाशन एवम् संपादन में उनकी पुत्रवधु निशा वर्मा ने हमेशा उनका सहयोग किया। संपादक निशा वर्मा के प्रयासों से एशियन एक्सप्रेस शीघ्र ही लखनऊ और नई दिल्ली के गलियारों में अहम हो गया। 
 

दौलतराम साहेब (21 जून 1925 – 5 दिसंबर 2020) ने हमेशा शिक्षा एवम व्यक्तित्व विकास पर जोर दिया। वह चाहते थे कि उनके द्वारा स्थापित हिंदी पत्रिका सिटीजन ऑफ द वर्ल्ड पूरी और समाचार-पत्र एशियन एक्सप्रेस दुनिया भर में पढ़ा जाए। www.asianexpresslive.com के रूप में आज उनका अपना पूरा हो रहा है। अपने दादाजी के इस सपने को अब उनकी पौत्री लिपिका वर्मा पूरा कर रही है। लिपिका वर्मा ने एशियन एक्सप्रेस लाइव में शिक्षा व कैरियर स्तम्भों पर फोकस करते हुए युवाओं के हित विकसित किया है। जिसमे युवाओं को शिक्षा एवम कैरियर से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है www.asianexpresslive.com में तमाम राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक ख़बरों के अतिरिक्त  प्रतियोगी परीक्षाओं के सैंपल तथा सॉल्वेड पेपर, तमाम सरकारी और अर्द्ध सरकारी नौकरी की जानकारी मिलेगी। 
  

 

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