फ़र्जी व्यक्ति और फ़र्ज़ी कागजातो पर 5 करोड़ की ज़मीन बेची।
- [By: Dehradun Desk || 2024-09-13 14:29 IST
देहरादून। फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर 5 करोड़ की जमीन बेची और 80 लाख रुपये नगद इकरारनामे के समय ले लिए। लेकिन जल्द ही इस धोखाघड़ी का राज खुल गया और जुलाई 2024 को पीड़ित राकेश बत्ता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। शिकायत के अनुसार गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल व राजीव कुमार ने राकेश बत्ता को राजपुर रोड पर अरशद कय्यूम नाम के एक व्यक्ति का प्लॉट दिखाया। देहरादून पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के फरार पांच हजार के इनामी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस इस प्रकरण में पहले भी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
राजपुर थाने एसओ पीडी भट्ट के अनुसार जुलाई 2024 को राकेश बत्ता की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। बताया कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल व राजीव कुमार ने उन्हें राजपुर रोड पर अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति का प्लॉट दिखाया। उस भूखंड की कीमत पांच करोड़ रुपये बताई गई। इसके बाद तीनों ने फर्जी तरीके से अरशद (असली नाम प्रमोद) बनाए गए व्यक्ति प्रमोद से मुलाकात कराई। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इकरारनामा बनाकर 80 लाख रुपये नगद ले लिए। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी गिरीश कोठियाल निवासी नेहरू कॉलोनी, दिनेश अग्रवाल निवासी रेसकोर्स, राजीव कुमार निवासी बिजनौर, प्रमोद कुमार के अलावा इनाम अहमद और मौहम्मद वसीम को गिरफ्तार कर लिया। वहीं इस मामले में शाबाब नामक आरोपी फरार चल रहा था जिसके चलते पुलिस ने उसपर पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
षड्यंत्र के अनुसार वसीम और प्रमोद कुमार ने फर्जी दस्तावेज बनाए थे। जबकि शाबाब और इनाम अहमद जमीन का सौदा करने के लिए प्रमोद कुमार को देहरादून लेकर आए थे। पुलिस ने बृहस्पतिवार को 5 हजार के इनामी आरोपी शाबाब अहमद को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में आरोपी शाबाब अहमद ने बताया कि उसके साथी इनाम अहमद का देहरादून में आर्किटेक्ट दिनेश अग्रवाल के पास आना-जाना था। आरोपी इनाम अहमद ने राजपुर क्षेत्र में में एक भूखंड के बारे में बताया था। इसके बाद रजिस्ट्रार कार्यालय से जमीन के मालिक की जानकारी निकाली गई। अरशद कय्यूम के नाम पर वह भूखंड पंजीकृत था। इसके बाद आरोपियों ने अरशद कय्यूम के नाम से फर्जी दस्तावेज बनवाए और प्रमोद कुमार को अरशद कय्यूम बना कर प्रस्तुत कर दिया। भूखंड के सौदे के नाम पर मिली 80 लाख की रकम को तमाम आरोपियों ने आपस में बांट लिया। शेष बची रकम को रजिस्ट्री के बाद लेना तय हुआ था।
5 करोड़ रूपये कीमत के उस भूखंड के इक़रारनामे के समय 80 लाख रूपये दिए गए। लेकिन जल्द ही उस भूखंड को खरीदने वाले राकेश बत्ता को पता लगा कि उसके साथ धोखाघड़ी करके 80 लाख रूपये की चपत लगा दी गई है। इसके बाद पीड़ित ने अपने साथ हुए धोखाघड़ी की शिकायत देहरादून पुलिस से की।