केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी और अमेरिका का भारत को ज्ञान 

  • [By: Meerut Desk || 2024-03-26 17:06 IST
केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी और अमेरिका का भारत को ज्ञान 

दिल्ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी द्वारा गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले पर जर्मनी ने भारत को डेमोक्रेसी का पाठ पढ़ाने की कोशिश की। लेकिन जर्मनी की टिपण्णी उस पर भरी पड़ गई। भारत के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को जर्मन एम्बेसी के एक वरिष्ठ राजनयिक को इस मामले में तलब कर लिया। दरअसल जर्मनी के विदेश मामलों के प्रवक्ता ने उम्मीद जताई थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मामले में न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानकों को लागू किया जाएगा। जर्मन विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारत ने जर्मन दूतावास के मिशन के उप प्रमुख, जॉर्ज एनज़वेलर को तलब किया और इसे न्यायिक प्रक्रिया यानि भारत के जुडिशल प्रोसेस में हस्तक्षेप बताते हुए अपना विरोध दर्ज कराया है।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के अनुसार, नई दिल्ली में जर्मन मिशन के उप प्रमुख को आज तलब किया गया। उन्होंने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों पर जर्मनी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर भारत के कड़े विरोध से अवगत कराया गया। हम इस तरह की टिप्पणियों को न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने के रूप में देखते हैं। भारत कानून के शासन के साथ एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है। जैसा कि देश में और लोकतांत्रिक दुनिया में अन्य सभी कानूनी मामलों में होता है, कानून तत्काल उपरोक्त मामले में अपना काम करेगा।

इतना ही नहीं जर्मनी की नसीहत के बाद, अमेरिका ने भी भारत को ज्ञान देना चाहा।  
अमेरिका के जोए बाइडन प्रशासन ने सीएए के बाद अब दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विवाद पर बयान दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर हमारी नजदीकी नजर है। हम 'निष्‍पक्ष, समयबद्ध और पारदर्शी कानूनी प्रक्रिया' के लिए प्रोत्‍साहित करते हैं। लेकिन इस पूरे अरविन्द केजरीवाल मामले को लेकर देशभर में राजनीति गरम है और चरम पर है और ऐसे में जेर्मनी के बाद अमेरिका की टिप्‍पणी पर विवाद बढ़ सकता है।

दरअसल अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्‍ता ने अरविन्द केजरीवाल मामले में न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, 'हम मुख्‍यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के लिए निष्‍पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया के लिए प्रोत्‍साहित करते हैं।' ग़ौरतलब है कि इससे पहले सीएए को लेकर भी अमेरिका ने भी भारत को नसीहत दी थी और कहा था कि इस मामले में हमारी नजदीकी नजर है। जैसा कि आप जानते है कि चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत और अमेरिका हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं और क्‍वॉड के सदस्‍य देश हैं। इससे पहले पिछले दिनों अमेरिका के भारत में राजदूत ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्‍ते चाहे कितने भी मजबूत क्‍यों न हो, हम ऐसे मुद्दे पर अपनी बात रखते रहेंगे। 

अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अमेरिका ने हाल के दिनों में ऐसे कई बयान दिए हैं जो भारत को असहज कर रहे हैं। वह भी तब जब भारत और अमेरिका के बीच रिश्‍ते नई ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। अब देखना है कि भारत अमेरिका रिश्तों का लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा। 

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