पिछले 40 सालों में सबसे खराब दौर में पहुंचे भारत और कनाडा के रिश्ते 

  • [By: PK Verma || 2024-10-15 16:01 IST
पिछले 40 सालों में सबसे खराब दौर में पहुंचे भारत और कनाडा के रिश्ते 

भारत और कनाडा के बीच रिश्ते बुरी तरह से बिगड़ चुके हैं। भारत ने कनाडा से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है तो वहीं कनाडा के राजदूतों को भारत से 19 अक्टूबर तक निकलने का आदेश भी दे दिया है। खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप कनाडा भारतीय एजेंट्स पर लगा रहा है और यहीं से रिश्ते बिगड़ने शुरू हुए हैं। हालांकि पिछले 40 सालों से कनाडा और भारत के रिश्ते सामान्य नहीं रहे हैं। वैसे तो कनाडा और भारत के बीच व्यापक संबंध हैं। लेकिन खालिस्तान आंदोलन से जुड़े सिख अलगाववादियों द्वारा भारत में एक स्वतंत्र पंजाबी सिख राष्ट्र-राज्य की मांग के कारण उनके संबंध अक्सर तनावपूर्ण रहे हैं। ग़ौरतलब है कि भारत ने कनाडा के साथ अपनी स्वतंत्रता के तुरंत बाद वर्ष 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित किये थे। भारत और कनाडा के बीच लोकतंत्र, मानवाधिकार, विधि का शासन और बहुलवाद जैसे साझा सिद्धांतों पर आधारित दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंध रहा है। 

दरअसल हाल ही में कनाडा सरकार ने कनाडा की भूमि पर एक प्रमुख सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका होने का आरोप लगाते हुए एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया। जवाबी प्रतिक्रिया में भारत ने एक बयान जारी कर मामले में किसी भी संलग्नता से इनकार किया और इसने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। इन नवीन घटनाक्रमों के परिदृश्य में, भारत-कनाडा संबंधों के महत्त्व और द्विपक्षीय संबंधों को प्रबल एवं चिरस्थायी बनाने के लिये विभिन्न कठिनाइयों पर मिलकर काम करने की आवश्यकता के संबंध में विचार करना प्रासंगिक होगा।  

कनाडा-भारत के बनते-बिगड़ते रिश्ते: आज की तारीख में कनाडा और भारत के रिश्ते बुरे दौर से गुजर रहे है। दोनों देशों ने अपने प्रतिनिधियों यानि राजदूतों को वापिस बुला लिया है। 

  1. 23 जून 1985 को कनिष्क विमान हादसा हुआ था। हादसा आयरलैंड के ऊपर अटलांटिक महासागर में हुआ था। एयर इंडिया की फ्लाइट हादसे का शिकार हुई थी। साथ ही साथ यह सबसे बड़ा और घातक आतंकवादी हमला था। इसमें कुल 329 लोगों की जान गई थी। इसे ऑपरेशन ब्लू स्टार का जवाब माना गया लेकिन कनाडा इस मामले में जांच तक पूरी नहीं कर सका और ना ही दोषियों को सजा दिलवा पाया। हादसे से साल भर पहले ही देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जस्टिस ट्रूडो के पिता पियरे ट्रुडो को इस आतंकवादी खतरे की चेतावनी दी थी। लेकिन उन्होंने इस मामले को अनदेखा कर कुछ नहीं किया था। 
  2. 1985 के बाद से पंजाब में खालिस्तान को लेकर आतंकी घटनाएं बढ़ी और कनाडा में भी भारतीय दूतावास के सामने धरना-प्रदर्शन हुए। लेकिन कनाडा की
    पुलिस लगातार इसे अनदेखा करती रही। और कोई एक्शन नहीं लिया। 
  3. 2023 में कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद भारत ने कनाडा हाई कमिश्नर को तलब किया लेकिन इस दौरान भी कनाडा सरकार ने इस मामले को भी पहले की तरह अनदेखा किया।
  4. 18 जून 2023 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया राज्य में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में कनाडा सरकार ने भारत पर आरोप लगाए कि भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसी के लोगों ने यह हत्या की है। 
  5. इसके बाद सितंबर 2023 में भारत में जी 20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया और इसमें भी भारत ने कनाडा से खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों के बाबत जानकारी दी और कार्यवाही करने का आग्रह किया। लेकिन पूर्व की भांति कनाडा सरकार ने कुछ भी नहीं किया। इसी दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने कहा कि कनाडा अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थक है और शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन का बचाव करता रहेगा। दूसरे शब्दों में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने खालिस्तान चरमपंथ को बढ़ावा और समर्थन दिया।
  6. सितंबर 2023 में ही कनाडा ने भारत पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा दिया। इसके बाद भारत और कनाडा के रिश्तों के बीच खटास बढ़ती चली गई। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने अपनी संसद में भी भारतीय एजेंटों के हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया।
  7. जनवरी 2024 में एक बार फिर से कनाडा सरकार ने भारत पर गंभीर आरोप लगा दिए। कनाडा ने भारत को एक विदेशी खतरा बता दिया और उसने कहा कि भारत चुनाव में हस्तक्षेप कर सकता है।
  8. अप्रैल 2024 में भारत ने कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों की गतिविधियों को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। कनाडा के राजदूत को भी तलब कर नाराजगी जताई। लेकिन पूर्व की तरह कनाडा सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। और मामले को हलके में लिया। 
  9. अब बीते सोमवार को कनाडा और भारत ने एक दूसरे देशों के राजदूतों को अपने अपने देश से निकल जाने का आदेश दे दिया। कनाडा पुलिस ने भारतीय एजेंट पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर कनाडा में आतंक फैलाने का आरोप लगाया है।

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