दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले चौ. चरण सिंह विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हल्ला बोल
- [By: Meerut Desk || 2024-09-02 18:30 IST
मेरठ। आज चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न मुद्दों को लेकर एबीवीपी यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ हल्ला बोल दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्सै के कड़ों कार्यकर्ता कुलपति संगीता शुक्ला के दफ्तर के सामने धरना देकर बैठ गए। विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने एक हफ्ते पहले कुलपति के खिलाफ हल्ला-बोल का ऐलान किया था।
संगठन ने कुलपति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय को बेपटरी करने का दावा किया है। धरने पर अंग्रेजी के गोल्ड मेडल का विवाद भी छाया था। अंतिम तिथि तक टॉपर छवि प्रदा को विश्वविद्यालय प्रशासन ने मेडल से बाहर कर दिया था। छवि प्रदा भी धरने पर बैठी हुई हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से कुलपति डेढ़ बजे तक नहीं मिली हैं। कार्यकर्ताओं ने कुलपति को धरना स्थल पर बुलाने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर कार्यकर्ताओं ने चैनल तोड़ने की चेतावनी भी दी है।
विश्वविद्यालय परिसर में भ्रष्टाचार पर कैंपस में भड़की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्: ग़ौरतलब है कि बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति सचिवालय पर प्रदर्शन किया था। उन्होंने परीक्षा से परिणाम और भवन-निर्माण में भ्रष्टाचार में कंठ तक डूबे निर्माण विभाग (सिविल) पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा 7 दिन में कार्रवाई न होने पर भ्रस्टाचार के ख़िलाफ़ 2 सितम्बर को विश्वविद्यालय परिसर में हल्ला बोल धरना-प्रदर्शन करने की बात कही थी।
दरअसल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने चौ.चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति दफ्तर में प्रदर्शन करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। छात्र-संगठन ने चुनिंदा शिक्षक एवं छात्रों को जानबूझकर परेशान करने का दावा किया। इस पर कुलपति संगीता शुक्ला और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के पदाधिकारियों में जमकर नोकझोंक और बहस हुई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने सात दिन में कार्रवाई नहीं होने पर विश्वविद्यालय परिसर में एक बार फिर हजारों छात्रों के साथ धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी।
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् मेरठ के महानगर मंत्री अभिषेक गोयल द्वारा जारी ज्ञापन में 18 बिंदुओं पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने कुलपति से जवाब मांगा है। इसमें कुछ बिंदु वित्त, नियुक्ति, निर्माण एवं कंपनियों को काम देने से जुड़े हैं। इनमे बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार किया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के निशाने पर प्रो.जयमाला भी रहीं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने प्रो.जयमाला को तत्काल आईबीएस समन्वयक पद से हटाने की मांग की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने आरेाप लगाया कि प्रो.जयमाला छात्रों को जानबूझकर टारगेट कर रही हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में कुछ निर्माण कार्य ऐसे हो रहे हैं जिनका कोई औचित्य नहीं है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने पूर्वकुलपति द्वारा निजी कंपनी के पांच करोड़ रुपये के भुगतान को रोकने और कुछ समय पहले विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इसका कंपनी को फिर भुगतान करने का आरोप भी लगाया। हालांकि, कुलपति संगीता शुक्ला ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् पदाधिकारियों से स्पष्ट कर दिया कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं उनमें कोई सत्यता नहीं है। विश्वविद्यालय परिसर में जो भी निर्णय लिए गए वे नियमानुसार हैं। कुलपति ने संगठन से छात्रहित की मांगों को सकारात्मक विचार का भरोसा दिया।
लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की 7 दिन की मोहलत के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ भी नहीं किया। जिसके चलते आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के बैनर तले सैकड़ों छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति सचिवालय में धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी।