सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द किया
- [By: Meerut Desk || 2024-02-17 16:55 IST
मेरठ। सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया ने ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इलेक्टोरल बॉन्ड की वैधता पर अपना निर्णायक फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया और इसे रद्द कर दिया। ग़ौरतलब है इलेक्टोरल बॉन्ड को मोदी सरकार ने 2017 में लागू किया था।
— PK VERMA Official (@drpkverma) February 17, 2024
क्या है इलेक्टोरल बांड: चुनावी बॉन्ड एक तरह का वचन पत्र है। इसकी खरीदारी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं पर किसी भी भारतीय नागरिक या कंपनी की ओर से की जा सकती है। यह बॉन्ड नागरिक या कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को दान करने जरिया है। चुनावी बॉन्ड हर तिमाही की शुरुआत में सरकार की ओर से 10 दिनों की अवधि के लिए बिकी के लिए उपलब्ध कराए जाते रहे हैं। इसी बीच उनकी खरीदारी की जाती थी। सरकार की ओर से चुनावी बॉन्ड की खरीद के लिए जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के पहले 10 दिन तय किए गए हैं। लोकसभा चुनाव के वर्ष में सरकार की ओर से 30 दिनों की अतिरिक्त अवधि तय किए जाने का प्लान था। चुनावी बॉन्ड की शुरुआत करते हुए सरकार ने दावा किया था इससे राजनीतिक फंडिंग के मामलों में पारदर्शिता बढ़ेगी। इस बॉन्ड के जरिए अपनी पसंद की पार्टी को चंदा दिया जा सकता था।
मोदी सरकार ने चुनावी बॉन्ड को फाइनेंशियल (वित्तीय) बिल (2017) के साथ पेश किया गया था। 29 जनवरी, 2018 को मोदी सरकार ने चुनावी बॉन्ड योजना 2018 को अधिसूचित किया था। उसी दिन से इसकी शुरुआत हुई
राजनीतिक पार्टी को सीधे चंदा देने की जगह चुनावी बॉन्ड के जरिए चंदा देने से, दी गई राशि पर इनकम टैक्स की धारा 80जीजीसी और 80जीजीबी के तहत यह छूट देने का प्रावधान है। कोई भी भारतीय नागरिक, कॉरपोरेट और अन्य संस्थाएं चुनावी बॉन्ड खरीद सकते थे और राजनीतिक पार्टियां इस बॉन्ड को बैंक में भुनाकर रकम हासिल कर लेते थे। बैंक चुनावी बॉन्ड उसी ग्राहक को बेचते थे, जिनका केवाईसी वेरिफाइड होता था। बॉन्ड पर चंदा देने वाले के नाम का जिक्र नहीं होता था। चुनावी बॉन्ड में निवेश करने वाले को आधिकारिक तौर पर कोई रिटर्न नहीं मिलता था। यह बॉन्ड एक रसीद के समान था। आप जिस पार्टी को चंदा देना चाहते हैं, उसके नाम से इस बॉन्ड को खरीदा जाता था और इसका पैसा संबंधित राजनीतिक दल को ट्रांसफर करा दिया जाता था।
RELATED TOPICS
- लोकसभा में स्वीकार हुआ एक देश एक चुनाव बिल
- सांसद के रूप में प्रियंका गांधी ने संसद में ली हिंदी में शपथ
- शर्तों के साथ अरविंद केजरीवाल को मिली जमानत
- लाइव: पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी सदस्यता अभियान में शामिल हुए।
- 10 साल बाद भी मंगलसूत्र पर वोट मांगना पड़े तो शर्म की बात है: भगवंत मान
- अमीरों का साढ़े तीन लाख करोड़ का कर्ज़ माफ़ किया पीएम मोदी ने: संजय सिंह
- चार सौ पार का नारा बड़बोलापन, अब तो मोदी ने भी कहना बंद कर दिया: सुब्रमण्यम स्वामी
- दिल्ली यूनिवर्सिटी ने नौकरी से निकाला तो पूर्व प्रोफेसर बेचने लगी पकौड़े, मुक़दमा दर्ज़
- सड़क पर नमाज़ पढ़ते नमाजियों पर पुलिस अधिकारी ने मारी लात, सस्पेंड
- त्याग, कुर्बानी और राष्ट्रसेवा इनसे सीखने की जरूरत है
- जब-जब इस देश में आंदोलन हुए है तब-तब सत्ताएं पलटी है
- भाजपा को मिले करोड़ों के चंदे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश की प्रेस कॉन्फ्रेंस
- प्रमुख न्यूज चैनलों टाइम्स नाउ नवभारत, न्यूज 18 इंडिया और आजतक पर NBDSA की बड़ी कार्यवाही
- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ होंगे भाजपा में शामिल
- हम किसान मजदूर की आवाज़ उठाने वाले लोग है: सरवन सिंह
- भाजपा से गठबंधन पर जयंत चौधरी ने दिया संकेत
- लाल कृष्ण आडवाणी को मिलेगा भारत रत्न, पीएम मोदी और सीएम योगी ने दी बधाई
- राजस्थान से सोनिया गाँधी को राज्यसभा भेजने की चर्चा
- अरविन्द केजरीवाल को ईडी का 5वां समन, शराब घोटाले में होगी पूछताछ
- झारखंड सीएम के दिल्ली आवास से ED ने 36 लाख नगद और दस्तावेज़ बरामद किए, BMW सीज