भ्रष्टाचार के आरोप में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सहित नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज

  • [By: Meerut Desk || 2022-07-06 13:26 IST
भ्रष्टाचार के आरोप में विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सहित नौ के खिलाफ मुकदमा दर्ज
शिक्षा के कई मंदिर आजकल भ्रष्टाचार का केंद्र बनते जा रहे है।  ऐसे ही एक मामले में विवि के पूर्व कुलपति समेत 9 अन्य अधिकारी/कर्मचारी के खिलाफ अदालत ने मुक़दमा दर्ज करने  दिया है। इस मामले में विश्वविद्यालय के ही पूर्व कर्मचारी ने स्पेशल सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें साजिश के तहत फंसाने, भ्रष्टाचार करने और 10 लाख रुपये की मांग करने के आरोप लगाए हैं।
 
उक्त प्रकरण उत्तर प्रदेश के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा का है। इस विवि के इतिहास विभाग में तैनात रहे कर्मचारी वीरेश कुमार ने स्पेशल सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें पूर्व कुलपति प्रो.  अशोक मित्तल सहित प्रो. अनिल वर्मा, प्रो. बीडी शुक्ला, प्रो. यूसी शर्मा, प्रो. संजय चौधरी, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, अमृतलाल, मोहम्मद रहीस और बृजेश श्रीवास्तव पर आरोप लगाए 
 
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के कर्मचारी वीरेश ने आरोप लगाया है कि वह इतिहास विभाग में 23 वर्षों से कार्यरत था। विश्वविद्यालय में वर्ष 2015-16 से डॉ. बीडी शुक्ला व प्रो. अनिल वर्मा के निर्देशन में अंक तालिकाओं की गलतियां संशोधित करने का काम किया जाता था। मोहम्मद रहीस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में काम करते थे। यह अंक तालिकाओं में अपनी मर्जी से भ्रष्टाचार करते हुए फेरबदल करते थे। शासन से इस मामले में जांच शुरू हुई। आरोप है कि इस पर 12 दिसंबर 2020 को इतिहास विभाग में मौजूद संदिग्ध प्रपत्र को तीनों ने जला दिया। शिकायतकर्ता ने आरोप लगते हुए कहा प्रो. अनिल वर्मा ने उनको बाहर जल रहे कागजों को देखकर आने को कहा। वो वहां पहुंचा तो कागज जल रहे थे। इसी दौरान कुलपति आ गए। साजिश के तहत उन्हें मार्कशीट और अन्य कागजात जलाने के मामले में फंसाकर नौकरी से निकाल दिया। वीरेश का कहना है कि भ्रष्टाचार और गलत कार्रवाई की शिकायत कुलाधिपति, पूर्व कुलपति, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री से भी की। लेकिन फ़िलहाल अभी तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। अब उसे बहाल करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग भी की जा रही है। विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने परिवाद के रूप में दर्ज कर लिया है। थाना हरीपर्वत पुलिस को इस मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। सुनवाई के लिए 2 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है।

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