करोड़ों की सरकारी ज़मीन का कर दिया बैनामा, डीएम ने बिठाई जांच

  • [By: Meerut Desk || 2024-09-13 17:42 IST
 करोड़ों की सरकारी ज़मीन का कर दिया बैनामा, डीएम ने बिठाई जांच

मुजफ्फरनगर (उ०प्र०): भूमाफियाओं ने गंगनहर के किनारे की जमीन को ही फर्जी कागज बनवाकर बेच दिया। मामला सामने आने पर जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने जांच बैठा दी है। ग़ौरतलब है कि खतौली की निवर्तमान एसडीएम अपूर्वा यादव के कार्यकाल के दौरान यह बैनामे किए गए थे।

क्या है मामला: मुजफ्फरनगर के खतौली शहर के पास खतौला अरबन के नाम से स्थित जमीन को आठ मई 2018 को सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया गया था। गंगनहर के पास की यह जमीन खाली पड़ी थी। कुछ भूमाफियाओं की नज़र इस बेशकीमती ज़मीन पर पड़ गई। सुनियोजित योजना बनाकर कुछ भूमाफियाओं ने पिछले दिनों साठ-गांठ कर इस जमीन का बैनामा एक व्यक्ति के नाम कर दिया। सूत्रों के अनुसार बैनामा लेने वाला शेरनगर गांव का रहने वाला है। रुपये देने के बाद उसे जालसाजी की जानकारी मिली।

जालसाज़ी की शिकायत पहुंची प्रशासन के पास: इस जालसाज़ी की शिकायत मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी और एसडीएम मोनालिशा जौहरी तक पहुंची। जिलाधिकारी ने बताया कि मामले की जांच शुरू करा दी गई है। उक्त संपत्ति पर दोबारा प्रशासन का बोर्ड लगा दिया है। 
 
प्रशासन ने लगाया बोर्ड: खसरा नंबर 301 की 0.1430 हेक्टेयर और खसरा नंबर 302 की 0.0200 हेक्टेयर पर प्रशासन ने बोर्ड लगा दिया है। यह भी आदेश जारी कर दिए गए हैं कि नए आदेशों तक इस संपत्ति को खुर्द बुर्द नहीं किया जाए। जमीन का क्रय और विक्रय भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। बैनामा कराए जाने की जांच कराई जा रही है। बैनामे की पुष्टि होने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इकराम के नाम खरीदी जमीन: जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में कहा गया है कि शेरनगर गांव के इकराम ने यह जमीन खरीद की है, जबकि विक्रेता दीनू है। दीनू के नाम जमीन ही नहीं थी। कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बैनाम किया गया है। इस बिंदु पर जिला प्रशासन ने जांच शुरू करा दी है।

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